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पवन चक्की कैसे काम करती है जाने पूरा प्रोसेस? | WANT TO KNOW HOW DOES WINDMILL WORKS?

आज हमलोग इस आर्टिकल में देखेंगे की HOW DOES WINDMILL WORKS? /  पवन चक्की कैसे काम करती है? आज हमलोग 21वी सदी में जी रहे है जहा बिजली की आवश्यकता इतनी ज्यादा है इसका उदाहरण हम इस तरह से देख सकते है की जबी भी हमारे यहाँ बिजली चली जाती है तब हमलोग अत्यंत व्याकुल हो जाते है|आज के इस वर्तमान समय में ज्यादातर सभी के घरो में बिजली उपलब्ध है | हम 10 मिनट भी बिजली के बिना नहीं रह सकते है,हमारे रोजमर्रा के जीवन में बिजली का एक  अहम् योगदान है|

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अगर हम ध्यान से देखे तो यह जान पाएँगे की पिछले कुछ वर्षो में बिजली की जरूरते बहुत ज्यादा बढ़ चुकी है|आज इस वर्तमान युग में जहा हम जी रहे है वहा जीतने सारे नए अविष्कारों की खोज की गई है उन सभी में से ज्यादातर उपकरण बिजली से चलने वाले  है|बिजली के उत्पन्न करने के कई भिन्न उपाय इस दुनिया में उपस्थित है| उन सभी उपायों में से एक है पवन ऊर्जा जो पवन चक्की के द्वारा निर्माण की जाती है|हमलोग इस आर्टिकल में यह जानेंगे की पवन चक्की से कीस प्रकार ऊर्जा निर्माण की जाती है? तो आइये शुरू करते है पवन चक्की से उर्जा का निर्माण  !

पवन चक्की क्या है?(WHAT IS WINDMILL?HOW DOES WINDMILL WORKS):

HOW DOES WINDMILL WORKS-दोस्तों पवन चक्की को आगर हम एक मशीन कहेंगे तो गलत नहीं होगा| इसका कार्य वातावरण में फैली गतिजिय उर्जा अर्थात पवन यानि हवा को यांत्रिक उर्जा यानि काम में लाने वाली उर्जा के रूप में रूपांतरित करना है|  इस चक्की के सारे ब्लेड दक्षिण दिसा के तरफ हमेशा घूमते रहते है| इसका चक्की का मुख्य कार्य पवन उर्जा को विद्युत उर्जा में रूपांतरित करना होता है|

सन्न 1854 में अमेरिका शहर के एक व्यक्ति जिसका नाम डैनियल ह्ल्लादे था उन्होंने पहली बार पवन चक्की का निर्माण किया था| लेकिन वर्तमान समय में पुरे विश्व में विद्युत उर्जा का रूपांतरण करने के लिए पवन चक्की का उपयोग किया जाता है|

भारत जैसे बरे देश में भी पवन चक्की की मदद से बिजली का निर्माण बहुत बरे पैमाने में होती है|  भारत के सभी राज्यों में से तमिलनाडू एसा राज्य है जहा पवन चक्की की मदद से सबसे ज्यादा पवन उर्जा का निर्माण किया जाता है|

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बिजली का प्रयोग दिनों-दिन बढ़ते जा रहे है,इन प्रयोगों को दखते हए पवन उर्जा हमारे लिए वरदान से कम नही है| बिजली का उपयोग हमलोग के जीवन में ऑक्सीजन की तरह हो गया है|  इन सभी चीजो को मद्देनजर रखते हुए देखते है की पवन चक्की कैसे कार्य करती है|

पवन चक्की के कार्य करने का तरीका(HOW DOES WINDMILL WORKES?):

वैसे हम सभी को पता है की पवन चक्की उर्जा उत्पादन में बहुत मदद करती है,लेकिन जहा भी उर्जा उत्पादन का कार्य करने के लिए पवन चक्किया लगाईं जाती है, वह एक नहीं बल्कि अनेक चक्कियो को स्थापित किया जाता है क्यूकी एक चक्की बहुत कम मात्रा में उर्जा उत्पन्न करती है|

ताकी उर्जा भरपूर मात्र में हमें मिल सके| ऐसे क्षेत्रो को उर्जा उत्पन्न करने वाले फार्म यानी उर्जाफर्म के नाम से पुकारा जाता है| भारत के कई ऐसे सहर है जहा पवन उर्जा का उत्पादन काफी बरी मात्र में होत्ती है सिक्किम भी उनमे से एक राज्य है|

पवन चक्की का निर्माण कार्य की बरे पंखे के समान की जाती है,जिसमे एक ध्रुन के आकार का एक आधारशिला बनाया जाता है जिसमे बरे बरे जायंट रूपी पंखे की तरह ब्लेड जो हल्के मुरे अर्थात झुके रहते है उन्हें लगाया जाता है,ताकि हवा के अनुसार उस चक्की को घुमा सके|

जैसे जैसे उस चक्की के पंखे की गति बढती जाती है,हवा की गति भी पंखे के अनुसार परिवर्तित होती रहती है| और चक्की के पंखे को निचे से लेकर सिरे तक घुमाया जाता है| लेकिन इस तरह के घुमाव को सीधे बिजली से नही जोरा  जाता है,क्युकी टरबाईन बहुत धीमी RPM पर चल रही होती है|

चक्की के पंखे को धीमे गति से घुमाया जाता है और इसे ध्यान में रखते हुए,जनरेटर से उतनी ही बिजली उत्पन्न कर पाएँगे जितनी की चक्की को चलने में जरुरत होती है|  यही कारन है की चक्की को बिजली यानि जेनरेटर से जोरने से पहले ही चक्की की गति को गेयर बॉक्स में बढ़ा दिया जाता है| गति को अनुमानित मात्र में बढाने के लिए गियरबॉक्स में एक और तरह के गियर का प्रयोग किया जाता है जिसे प्लेनेटरी गियर कहा जाता है|

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बिजली को अधिक मात्र में पैदा करने के लिए चक्की के पंखे का मुह हवा के बहाव के तरफ होना चाहिए ,लेकिन इसमें समाश्या यह है की हवा का दिशा किसी भी वक्त बदल सकती है|  अतः इसी कारन चक्की के ऊपर के सिरे में एक सेंसर लगा होता है जिसे वेलोसिटी सेंसर कहा जाता है| जिसका कार्य वातावरण में फैली हवा की दिशा और गति को मापना होता है और दसा एवं गति को माप कर सेंसर एक इलेक्ट्रिक कंट्रोलर को भेज देती है|

पवन चक्की में लगे याविंग मशीन को सीधे संकेत भेजता है, और जैसे ही याविंग मशीन को किसी तरह का संकेत सेंसर और इलेक्ट्रीक कंट्रोलर द्वारा मिलता है वह उन पंखो को हवा की अनुरूप घुमा देती है | जिसके कारन पवन चक्की कभी भी बंद नहीं होती |

इस चक्की में एक ब्रेक लगा होता है जिसका काम अधिक तेज हवा के चलने की परीस्थिति में विंडब्लेड के रोटेशन यानि घुमाव को कैद करना होता है|  जिसके कारन जो बिजली पैदा होती है उन सभी उर्जाओ को एक खम्बे पर लगे तार यानि केबल के जरिये बेस जहा बनाया जाता है उस बेस की तरफ उर्जा को स्थानांतरित यानि भेजा जाता है|  जहा एक ट्रांसफोर्मर को पहले से ही तैयार रखा जाता है|

ट्रांसफार्मर का कार्य उत्पन्न हुई विद्युत ऊर्जा को एक परिपात से दुसरे परिपात में अपेक्षित वोल्ट पर भेजना होता है| अंत में उत्पन्न व्युद्युत को पावर-ग्रिडों पर भेज दिया जाता है|  जहा से लोगो के घरो से लेकर दुकानों,फक्ट्रियो एवं बरे बरे कंपनियों को बिजली भेजी जाती है एवं हम उनका उपभोग करते है|

ट्रांसफार्मर का कार्य उत्पन्न हुई विद्युत ऊर्जा को एक परिपात से दुसरे परिपात में अपेक्षित वोल्ट पर भेजना होता है| अंत में उत्पन्न व्युद्युत को पावर-ग्रिडों पर भेज दिया जाता है|  जहा से लोगो के घरो से लेकर दुकानों,फक्ट्रियो एवं बरे बरे कंपनियों को बिजली भेजी जाती है एवं हम उनका उपभोग करते है|

HOW DOES WINDMILL WORKS में पवन चक्की से होने वाले फायदे(BENIFITS OF WINDMILL):

आज के इस वर्तमान समय में हम उर्जा को अनेक रूप में उपयोग करते है | पवन उर्जा से होने वाले कुछ लाभ इस प्रकार है:

  • पवन उर्जा एक साफ उर्जा का स्रोत है जिससे पर्यावरण को किसी भी तरह की हनी नहीं होती है|
  • यह उर्जा कम लगत में हमे स्वच्छ उर्जा उपलब्ध कराती है|
  • यह उर्जा हमेसा बनती रहती है|
  • इस उर्जा से काफी बरी संख्या में रोजगार उत्पन्न हिता है|
  • घरो में हम पवन उर्जा से उत्पन्न बिजली का प्रयोग करते है|
  • काफी बरी जगह की जरुरत नहीं लगती है पवन चक्की को लगाने में|
  • जिस जगह में बिजली की अनुपस्थिति होती है उन जगहों के लिए काफी कारगर साबित होती है|

HOW DOES WINDMILL WORKS में पवन चक्की से होने वाले नुकसान:

जैसे की हमे पवन चक्की से फायदे होते है तो इसके कई नुकसान भी है जो निम्न है:

  • विद्युत उर्जा उत्पन्न करने के लिए वायु की गति 15 k.m. प्रति घंटा होनी चाहिए जो काफी जगहों में उपलब्ध नहीं होती है|
  • हवा की अनुपस्थिति में हमे आवश्यकताओ की पूर्ति के लिए दुसरे उपाय खोजने परते है|

HOW DOES WINDMILL WORKS/पवन चक्की के कुछ अंतिम शब्द:

तो यह थी हमारी पोस्ट जिसमे हमने HOW DOES WINDMILL WORKS से जूरी सारी जानकारी आपलोगों से साझा करने की कोसिस की है जिससे आप सभी कोHOW DOES WINDMILL WORKSसे जुरे हर छोटी से छोटी जानकारी आपको दे सके| इसमें हमने HOW DOES WINDMILL WORKS से जुरे हर प्रश्नों का उजागर किया है | ताकि हमारे पाठको को HOW DOES WINDMILL WORKS से जुरे किसी प्रकार की असुविधा न हो सके|

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अतः यदि आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया है तो कृपया इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूले |एवं यदि आप किसी प्रकार का सुझाव हमें देना चाहते है तो कृपया हमे कमेन्ट बॉक्स में कमेन्ट करे| साथ ही साथ यदि आप हमसे जुरना चाहते है तो दिए गाए telegram चेनल को ज्वाइन करे |

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WINDOWS 11 आपके लैपटॉप या डेस्कटॉप में start होगा या नहीं जाने इन सिंपल स्टेप्स से? | WINDOWS 11 KAISE DOWNLOAD KARE

  लेखक:गुड्डू राय 

WINDOWS 11 -Windows हर टेक कंपनी की तरह अपने फीचर्स में तरह तरह के बदलाव के लिए जाना जाता है हालांकि या google का COPETITOR है फिर भी लोग उनके सॉफ्टवेयर विंडोज के अपडेटेड वर्जन को पानी के लिए व्याकुल रहते हैं अतः विंडोज ने आखिरकार अपना नया वर्जन लॉन्च कर दिया है

हम इस पोस्ट में विंडोज 11 आपके लैपटॉप अथवा टेक्सटॉप में स्टार्ट होगा या नहीं जाने इस सिंपल स्टेप्स से और विंडो सिलेबस कैसे डाउनलोड करें के बारे में पूरी जानकारी आपसे साझा करेंगे

इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आपको यह अंदाजा लग जाएगा कि आपका लैपटॉप या पीसी है वह नए वर्जन के लिए तैयार है या नहीं और इस नए विंडोस को किस तरह से अपने कंप्यूटर में डाउनलोड कर सकते हैं सारी जानकारी आपको इस पोस्ट मिलेगी इन सारे प्रश्नों का हल आपको मिलने वाला है: 

Windows 11 कौन-कौन से डिवाइस मैं प्रयोग कर सकते हैं

साथियों माइक्रोसॉफ्ट ने फाइनली अपना अपडेटेड वर्जन विंडोज 11 को मार्केट में लॉन्च कर दिया है माइक्रोसॉफ्ट ने किया दावा किया है की नया नया ऑपरेटिंग सिस्टम फ्री अपग्रेड के लिए जल्द ही Windows 10 वाले डिवाइस के लिए अवेलेबल हो जाएगा

Windows 11 बहुत थोड़ी सी चेंजेज के साथ मार्केट में आई है जिससे हमें यह पता चलता है कि विंडोज 11 उन सभी डिवाइस के लिए कंफर्टेबल रहेगा जो माइक्रोसॉफ्ट के बेसिक रिक्वायरमेंट को फुल फील करते हैं जैसे 4GB रैम और 64GB स्टोरेज और 64 बिट प्रोसेसर के साथ जितने भी डिवाइस मार्केट में है सभी में विंडोज़ 11 का प्रयोग किया जा सकता है

लेकिन अगर किसी व्यक्ति को यह मालूम ही नहीं है कि उसके डिवाइस में कितने जीबी रैम और कितने प्रोसेसर को यूज़ किया गया है और क्या यह जानकारी नहीं होने के कारण उसके डिवाइस में विंडोज 11 का प्रयोग किया जा सकता है या नहीं अगर ऐसा सवाल आप लोगों के मन में उठ रहा है तो माइक्रोसॉफ्ट ने आप लोगों के लिए आपके प्रश्नों का उत्तर दिया है

माइक्रोसॉफ्ट ने 1 नए टूल का इजाद किया है जिसे डाउनलोड करने के बाद आप समझ जाएंगे कि आपके डिवाइस विंडोज 11 के लिए उपयुक्त है या नहीं

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SEARCH CONSOL INSIGHT क्या है ? | What is Google Search Console Insights in Hindi?

SEARCH CONSOL INSIGHT क्या है ? शायद बहुत लोगों को नहीं पता होगा सभी को पता है की गूगल सर्च कंसोल क्या है? लेकिन सर्च कंसोल इनसाइट के बारे में किसी को नहीं पता होगा,आज हम इस पोस्ट में SEARCH CONSOL INSIGHT क्या है ? के बारे में पूरी जानकारी जानेंगे| हम अपने पाठकों के लिए गूगल सर्च कंसोल इनसाइट से जुड़ी सारी जानकारी आप लोगों से साझा करेंगे ताकि आपको इस टॉपिक से जुड़ी किसी भी जानकारी के लिए किसी दूसरे आर्टिकल में जाने की जरूरत ना हो तो चलिए शुरू करते हैं|

SEARCH CONSOL INSIGHT

SEARCH CONSOL INSIGHT क्या है ? का प्रयोग कंटेंट क्रिएटर्स एवं पब्लिशर्स दोनों के लिए लागू किया है ताकि हम जो कंटेंट आम लोगों के लिए तैयार करते हैं वह किस प्रकार से परफॉर्म कर रहे हैं यह जानकारी हमें गूगल के सर्च कंसोल इनसाइट्स से मिल जाते हैं| इस प्रकार की  जानकारी पहले हमें गूगल एनालिटिक्स के जरिए मिलती थी लेकिन अब यह आम लोगों के लिए सर्च कंसोल में भी जारी कर दी गई है ताकि हम क्रिएटर्स इसका लाभ उठा सकें और अपने content की परफोर्मेंस की जानकारी सके |

GOOGLE का हर प्रोडक्ट दिनों दिन अपडेट होते है :

google की एक बरी टीम इन चीजो को मॉनिटर करते है, उनकी कोई भी प्रोडक्ट किसी प्रकार कि गलत संदेस नहीं दे एवं अपने कस्टमर को वैल्यू देने के लिए जनि जाती है| google हर कुछ दिनों बाद अपने प्रोडक्ट को बेहतर बनाने के लिए कई प्रकार के changes करते रहते है ठीक उसी प्रकार google के सर्च कंसोल में भी changes किया गया है एवं अब google सर्च कंसोल में इनसाइट्स को जोरा गया है|

यह ठीक उसी प्रकार हुआ जिस प्रकार google के ब्लोगर को अपडेट किया गया था| अभी हाल ही में google ने questions हब को लांच किया है जिसमे  किसी भी टॉपिक से रिलेटेड प्रश्न आपको क्वेश्चन हब में मिल जाएँगे | जिसका प्रयोग काफी आसानी से लोग कर सकते है|

ठीक उसी प्रकार अभी हल ही में google ने वेब स्टोरीज को लांच किया है जिसमे लोग अपने हिसाब से स्टोरीज बना कर अपलोड कर सकते है| यह ठीक Instagram एवं Facebook की तरह ही काम करता है | google अपने प्रोडक्ट को बेहतर एवं कस्टमर EXPERIENCE पर ध्यान देते हुए  यह कम किया है साथ ही साथ अपने बिज़नस COMPETITOR को देखते हुए भी इस प्रकार के प्रोडक्ट को लांच किया है |

SEARCH CONSOLE INSIGHT से अपने कंटेंट को किस प्रकार सही कर सकते है :

जी हा अपने सही पढ़ा सर्च कंसोल इनसाइट्स की मदद से आप अपने ब्लॉग के कंटेंट को सही कर सकते है|  हालाँकि यदि हम कहे की search console insights का प्रयोग ब्लोगरो के लिए ही किया जाता है तो सायद यह गलत नहीं होगा | सर्च कंसोल insights में आप अपने कंटेंट के परफॉरमेंस को आसानी से देख सकते है एवं उसके साथ आपके कंटेंट पर कितने ट्राफिक आ रहे है सभी को आसानी से मॉनिटर कर सकते है|

एवं यदि आपका कंटेंट सही तरह से परफॉर्म नहीं कर रहा है, उस क्षेत्र में आप अपने कंटेंट में कई प्रकार से तबदीली कर सकते है एवं अपने पोस्ट को सही कर उसका इस्तेमाल बरी आसानी से कर सकते है| जिससे आपके पोस्ट में ट्राफिक आसानी से आ सके एवं आप अपने ब्लॉग पोस्ट से पैसे भी कमा सके |

SEARCH CONSOL INSIGHT किस प्रकार हमारी सहायता कर सकते हैं | How can search console insights help you):

Search console इनसाइट्स वेबसाइट ऑनर्स कांटेट क्रिएटर्स ब्लॉगर्स के लिए एक अच्छा जरिया है जिसके प्रयोग से हमारा कांटेट किस तरह परफॉर्म कर रहे हैं इसकी जानकारी हमें तुरंत मिल जाती हैं|

यह हमें विभिन्न प्रकार के प्रश्नों का उत्तर तुरंत दे देंगे जैसे:

  • आपके कंटेंट में कौन सी पोस्ट अच्छा परफॉर्म कर रही है उसकी जानकारी
  • आपकी नई पोस्ट या कंटेंट किस प्रकर perform कर रही है
  • लोग किस प्रकार आपके कंटेंट को ढूंढ रहे है
  • लोग आपके कंटेंट या पोस्ट में आने से पहले गूगल में क्या सर्च कर रहे हैं इसकी जानकारी भी मिल जाएगी
  • कौन से ऐसे वेबसाइट है जो यूज़र्स को आपके आर्टिकल या कंटेंट के तरफ refer कर रहे है

इस प्रकार के प्रश्नों का उत्तर आपको सर्च कंसोल Insight में अब देखने को मिलेंगे|

गूगल सर्च कंसोल इनसाइट्स को किस प्रकार open किया जा सकता है(how can you access search console insights):

वैसे तो गूगल सर्च कंसोल इनसाइट को कई तरह से प्रयोग किया जा सकता है इसे ओपन किया जा सकता है

  • सबसे पहले आप सर्च कंसोल इनसाइट्स को गूगल सर्च कंसोल ओवरव्यू पेज के द्वारा ओपन कर सकते हैं
  • दूसरी तरह आप गूगल सर्च कंसोल इन-सर्च रिजल्ट फीचर का प्रयोग कर आप इसका प्रयोग कर सकते हैं
  • अथवा तीसरा उपाय आप इस प्रकार से कर सकते हैं हमारे द्वारा गए लिंक को ओपन कर आप डायरेक्टली गूगल सर्च कंसोल इनसाइट्स का प्रयोग कर सकते हैं

गूगल सर्च कंसोल इनसाइट्स के फीडबैक को आप किस तरह से ऑनलाइन शेयर कर सकते हैं(how can you share feedback about search console insights):

SEARCH CONSOL INSIGHT क्या है ? का प्रयोग जब कभी हम करेंगे उसके डैशबोर्ड के या तो सबसे ऊपर या फिर सबसे नीचे की तरफ एक शेयर फीडबैक नाम से ऑप्शन दिया हुआ है जिसका प्रयोग कर हम अपने फीडबैक को गूगल के साथ शेयर कर सकते हैं या अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते हैं

साथ ही साथ आप यह भी देख सकेंगे की आपके कौन-कौन से पोस्ट अथवा आर्टिकल है जो अच्छा प्रदर्शन कर रहा है एवं उसके साथ उस पोस्ट या आर्टिकल में कितने क्लीक है सबकी जानकारी आपको आसानी से मिल जाती है एवं कौन से आर्टिकल सही से प्रदशन नहीं कर रहे है उसकी जानकारी भी तुरंत ही आपको पता चल जाती है जिसके कारन आप उन आर्टिकल में चेंजेस कर उसे रैंक करवाते है |

इस तरह के फीडबैक को शेयर करने से गूगल को अच्छा इंफॉर्मेशन जाता है एवं गूगल अपने प्रोडक्ट में यदि किसी प्रकार की खामी होती है तो उसे दूर करने की कोशिश करती हैं|

Conclusion about search console insights(सर्च कंसोल इनसाइट्स के निष्कर्ष):

तो दोस्तों यह थी हमारी पोस्ट जिसमें हमने SEARCH CONSOL INSIGHT क्या है ? के बारे में सारी जानकारी आपसे साझा की है हम अपने पाठकों के लिए हर छोटी सी छोटी जानकारी आपसे साझा करने की कोशिश की है ताकि हमारे पाठकों को किसी दूसरे आर्टिकल में जाने की जरूरत ना पड़े|

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Cod or Prepaid meaning in hindi? / cod or prepaid को हिंदी में कैसे समझे?

नमस्कार दोस्तों आज हम इस पोस्ट में cod or prepaid से सम्बंधित सारी जानकारी आपसे साझा करने वाले है| यदि आप mobile का इस्तेमाल करते है तो आपको सायद पता होगा की cod or prepaid क्या होता है? यदि आपको इसकी जानकारी नहीं है तो यह पोस्ट आपके लिये है जिसमे हमने इस टॉपिक से सम्बंधित आपको जानकारी देंगे |

वैसे तो cod का इस्तेमाल साइंस में किसी अन्य रूप में किया जाता है लेकिन आज हम ऑनलाइन की दुनिया में चल रहे cod or prepaid से सम्बंधित बाते करेंगे | जिसका प्रयोग पूरा विश्व कर रहा है |

cod or prepaid में COD का क्या मतलब होता है?

COD का मतलब होता है CASH ON DILAVIRY जिसके जरिये हम ऑनलाइन SHOAPING के दौरान प्रयोग करते है|

आसान भाषा में समझे तो जब भी हम किसी प्रकार का प्रोडक्ट खरीदते है एवं खरीदने के बाद आपकी detail आपसे मांगी जाती है जिसमे हम अपना address देते है जिसमे हमारा ख़रीदा हुआ प्रोडक्ट हमारे दिये गए address पे डेलेवर किया जाता है, एवं अंत में पेमेंट के वक्त हमारे पास दो option कम्पनी द्वारा दिया जाता है,जिसमे एक के जरिये आप अपने प्रोडक्ट के चार्जेज को pay कर उसे अपने address पर माँगा सकते है लेकिन यदि आप शंका में है की आपका प्रोडक्ट किस प्रकार का होगा और आप अपने पास माँगा कर उसे चेक कर फिर पेमेंट करना चाहते है|

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तो इस कंडीशन में कम्पनी आपको option देता है की आप COD यानी CASH ON DELIVRY के जरिये अपने प्रोडक्ट को मंगा कर उसे देखकर संतुस्ट होने के बाद पेमेंट कर सकते है|

cod or prepaid में PREPAID का क्या मतलब होता है?

इसके पहले टॉपिक में हमने आपको COD का मतलब समझाया था ठीक उसके विपरीत इस टॉपिक में हम आपको PREPAID के बारे में समझाएंगे ,तो चलिए आसान भाषा में समझते है| यदि आप mobile का प्रयोग करते है तो आपको पता चल ही गया होगा की प्रीपेड का मतलब क्या होता है लेकिन यदि आपको सच में नहीं पता है की प्रीपेड क्या होता है तो इस टॉपिक में आपको पता चल जाएगा |

cod or prepaid में प्रीपेड का मतलब होता है पहले ही पेमेंट कर देना| अर्थात यदि आप किसी प्रकार का प्रोडक्ट खरीदते है AMAZON,FLIPKART अथवा किसी भी अन्य कम्पनी के वेबसाइट से तो उस क्षेत्र में यदि आप प्रोडक्ट के साथ-साथ पेमेंट कर देते है तो उस कम्पनी के PREPAID ग्राहक की CETAGORY में आएँगे|

अर्थात किसी ग्राहक के द्वारा किसी प्रकार का प्रोडक्ट खरीदते समय उस प्रोडक्ट का पेमेंट,प्रोडक्ट के घर तक पहुचने से पहले ही कर देना प्रीपेड ग्राहक की श्रेणी में आता है|


PREPAID MEANING IN MOBILE:

दोस्तों जिस प्रकार E-COMOERCE के क्षेत्र में प्रीपेड का अलग महत्व है ठीक उसी प्रकार mobile के क्षेत्र में प्रीपेड का अलग महत्व होता है| mobile में प्रीपेड का मतलब होता है पहले रिचार्ज कर उसका प्रयोग करना |

आसान भाषा में यदि आपके mobile फ़ोन का रिचार्ज ख़त्म हो गया है तब आप बिना रिचार्ज करे उसका प्रयोग नहीं कर सकते तब अपको अपने फ़ोन को रिचार्ज करना होता है, जिसे हम प्रीपेड ग्राहक के रूप में जानते है|

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PREPAID सिम मीनिंग इन हिंदी:

यदि आपके mobile में ऐसे सिम लगाया हुआ है जिसे हर कुछ दिनों में रीचार्ज करने की जरुरत परती है जब भी रिचार्ज ख़त्म हो जाती है तो उस क्षेत्र में आप प्रीपेड सिम का प्रयोग करते है|

आसान भाषा में समझे तो यदि आप JAN 1 को अपने रिचार्ज करते है और JAN 30 को आपका रिचार्ज ख़तम हो जाता है उस क्षेत्र में आपका सिम प्रीपेड श्रेणी में आता है जिसका प्रयोग अप करते है |

POST PAID सिम मीनिंग इन हिंदी:

यदि आप ऐसे सिम का प्रयोग करते है जिसमे आपको या तो एक साल में एक बार अथवा तिन महीने या 6 महीने में एक बार या फिर हर महीने के प्रयोग करने के बाद महीने के अंत में पैसे देने के लिए बिल आपके घर में आति है उस क्षेत्र में अप एक पोस्टपेड सिम के मालिक है |

जिसमे आपको दिए गए अवधि में सिम का भरपूर प्रयोग कर अंत में पेमेंट के लिए कम्पनी आपको बिल भेजता है,इसमें किसी प्रकार का लिमिट नहीं होता है आप जितना चाहते जहा चाहे उतना प्रयोग कर सकते है |

mobile के क्षेत्र में POSTPAID के नुकसान:

जिस प्रकार आपको पोस्ट paid के सिम में अनेक प्रकार की रियायत मिलती है ठीक उसी प्रकार इस सिम के कई नुकसान भी है आइये देखते है

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  • पोस्ट paid में आपको अपने बिल के ऊपर किसी प्रकार का कण्ट्रोल नहीं रहता है
  • पोस्ट paid सिम के लिए आपके पास क्रेडिट कार्ड होना जरूरी है जिसके जरिये आप बिल का भुगतान आसानी से कर सकते है|
  • यदि आपने पोस्ट paid सिम में किसी प्रकार का प्लान्स लिया है, तो उस क्षेत्र में चाहे आप उसका प्रयोग करे या न करे आपको भुगतान करना ही होगा|

mobile के क्षेत्र में प्रीपेड सिम का नुकसान:

जिस प्रकार हर सिक्के के दो पहलु होते है ठीक उसी प्रकार प्रीपेड सिम के भी कई प्रकार के नुकसान है

  • यदि अपने अपने प्रीपेड सिम के लिए किसी प्रकार का रिचार्ज किया है एवं उसका भुगतान अपने पहले ही कर लिया है जो की अमूमन प्रीपेड सिम में किया जाता है, एवं आप किसी ऐसे नेटवर्क एरिया में पहुच चुके है जहा आप किसी प्रकार का call या मेसेज नहीं कर सकते तो यह आपका नुकसान हुआ
  • यदि आपका रिचार्ज ख़तम हो जाता है तो हर प्रीपेड सिम कम्पनी आपको इमरजेंसी call करने के लिए loan दे देती है लेकिन किसी प्रकार का डाटा नहीं देता है| यदि आपको अपने कम के सिलसिले में mail,या कांफ्रेंस video call करने की जरुरत है,उस क्षेत्र में आपको डाटा पैक loan के रूप में नहीं मिलता है|

e-comerce के क्षेत्र में प्रीपेड के नुकसान:

यदि आपने cod or prepaid में prepaid को चुनते है,उस क्षेत्र में आपको कुछ मुश्किलों का सामना करना सकता है:

  • यदि आप किसी प्रोडक्ट को खरीदते है और prepaid के जरिये पहले ही पेमेंट कर लेते है उस दौरान यदि आपका प्रोडक्ट आपको पसंद नहीं आता है तब आपको अपने पेमेंट किये हुए पैसे मिलने में कुछ समय लग सकता है.आमतौर पर 24-48 घंटे का समय कम्पनी लेता है|
  • यदि आप किसी प्रकार का डिजिटल पेमेंट करते है एवं आपको पेमेंट के दौरान किसी प्रकार का नेटवर्क issue हो जाता है जिसके कारन आपका पेमेंट प्रोसीड नहीं होता है, मतलब आपके बैंक account से बैलेंस डेबिट हो जाएगा लेकिन कम्पनी के सिस्टम में paid नहीं दिखाया जाता है इस क्षेत्र में आपको कई साड़ी प्रेसनोयो का सामना करना परता है|
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e-comerce के क्षेत्र में COD के फायदे:

हर क्षेत्र में फायदे और नुकसान होते है जिस प्रकार हमने आपके साथ प्रीपेड के फायदे को आपसे साझा किया था ठीक उसी प्रकार COD के भी फायदे और नुकसान आपसे साझा करेंगे |

COD के फायदे:

  • COD में आप अपने ख़रीदे गए प्रोडक्ट को खुद देख कर संतुस्ट होकर पैसे दे सकते है |
  • अगर आपके प्रोडक्ट में किसी प्रकार का डिस्प्यूट होता है तो आप बिना पेमेंट किये उसे RETURN भी काफी आसानी से कर सकते है |
  • COD के दौरान अगर आप CASH के रूप में पेमेंट करना चाहते है परन्तु डिजिटल पेमेंट की तरह नेटवर्क पर आश्रित नहीं होना परता है|
  • यदि आप किसी प्रकार उपस्थित नहीं है उस क्षेत्र में आप अपने रिश्तेदार को पैसे देकर अपना प्रोडक्ट को ले सकते है डिलीवरी देने वाला लड़का आपके mobile no पे एक OTP भेजता है जिसे आपके mobile में call कर उन्हें आपसे लेना परता है| अतः सेफली सबकुछ हो जाता है |

COD के नुकसान:

  • cod में आपको हर प्रोडक्ट को खोल कर चेक करने की अनुमति नहीं मिलती है सिर्फ कुछ प्रोडक्ट में ही अप खोल कर संतुस्ट हो सकते है|
  • यदि आप कसी करणवश उसदिन अपना प्रोडक्ट नहीं ले पाते है फिर आपका प्रोडक्ट RETURN चला जाता है |

FAQ:

Postpaid meaning in Marathi?

ANS: पोस्टपेड को हम मराठी में पोस्टपेड ही बोलते हैं |

Postpaid meaning in punjabi

ANS: पोस्टपेड को पंजाबी में ਪੋਸਟਪੇਡ बोलते हैं |

Prepaid meaning in gujarati

ANS: प्रीपेड को गुजराती में પ્રીપેઇડ बोलते हैं |

Prepaid and postpaid meaning in english

ANS: प्रीपेड का मतलब पहले pay और पोस्टपेड का मतलब बाद में pay |

prepaid transaction meaning in hindi

ANS: प्रीपेड ट्रांसएक्शन को हिंदी में लेनदेन बोला जाता है

क्या postpaid में हम yearly बिल pay कर सकते है ?

ANS: जी हाँ , मैंने आपको पहले ही बताया है की अगर आप अपना बिल monthly नही देना चाहते है तो आप postpaid सिम में इयरली प्लान सेलेक्ट कर सकते है|

क्या prepaid और postpaid के plan same होते हैं?

ANS: जी नही , prepaid और postpaid सिम के दो प्रकार है और इसके प्लान एक दुसरे से बिल्कुल अलग-अलग होते है |

बिज़नेस मैन के लिए prepaid बेहतर है या postpaid ?

ANS: अगर आप एक बिज़नेस मैन है तो पोस्टपेड सिम आपके लिए बेहतर है क्यूंकि भले ही पोस्टपेड सिम थोडा महंगा है लेकिन इसमें आपको कोई रुकावट नही मिलता है | इसलिए मेरा सुझाव यह है की अगर आपका बिज़नेस है तो आप postpaid सिम का प्रयोग करे |

इमरजेंसी में प्रीपेड सिम में लोन मिल सकता है?

ANS: जी हाँ , आपको इमरजेंसी में 10 रूपए का लोन मिल सकता है लेकिन आपको इन्टरनेट के लिए कोई लोन नही मिलता |

postpaid sim meaning in hindi

ANS: जिस सिम में हमे हर महीने बिल जमा करना होता हैं उसे पोस्टपेड सिम कहते हैं , इन सिम को ज्यादातर कंपनी इस्तेमाल करती हैं |

prepaid recharge meaning in hindi

ANS: हम अपने प्रीपेड सिम में जो रिचार्ज करवाते हैं मतलब कोई प्लान या टैरिफ उसे ही हम प्रीपेड रिचार्ज कहते है और यही prepaid recharge meaning in hindi होता हैं |

प्रीपेड का हिंदी में अर्थ क्या होता है?

ANS: prepaid में दो शब्द “pre” और “paid” है. pre का मतलब “पहले” और paid का मतलब “भुगतान करना”. मतलब कि पहले भुगतान करना. अगर आप prepaid sim का use कर रहे हैं तो आपको पहले recharge करवाना पड़ता है और उसके बाद आप उनकी सुविधा का फायदा उठा सकते हैं

कॉड और प्रीपेड में क्या अंतर है?

ANS: अधिकांश ग्राहक इसके लिए भुगतान करने से पहले माल प्राप्त करना और देखना पसंद करते हैं और सीओडी भुगतान ने इसे संभव बना दिया है। डिलीवरी पर नकद उपभोक्ता को उत्पाद के आने पर भुगतान करने की अनुमति देता है, न कि अग्रिम रूप से।

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Cod or Prepaid के कुछ अंतिम शब्द :

तो यह थी दोस्तों Cod or Prepaid से जूरी सारी जानकारी जिसे हमने अपने पाठको को देने की कोसिस इस पोस्ट के जरिये की है| इस पोस्ट में हमने Cod or Prepaid से जूरी हर जानकारी दी है जिससे हमारे पाठको को इस टॉपिक से जूरी किसी प्रकार का प्रश्न का उत्तर जानने के लिए किसी दुसरे आर्टिकल में जाने की जरुरत नहीं परेगी |

यदि आपको हमारा यह पोस्ट Cod or Prepaid meaning in hindi? / cod or prepaid को हिंदी में कैसे समझे? अच्छा लगा तो कृपया इसे फेसबुक ट्विटर इंस्टाग्राम लिंकडइन व्हाट्सएप में शेयर करें| एवं आप किसी प्रकार का सुझाव हमें देना चाहते हैं तो कृपया कमेंट बॉक्स में अपना सुझाव हमें दें|

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DIGITAL WELLBEING APP क्या है | इसका प्रयोग कैसे करे?- HIDIMETRND

लेखक:गुड्डू राय

यदि आप अपने फोन के लत से परेशान हैं तो आप लोगों के लिए एक अच्छी खबर इस पोस्ट में मिलने वाली है जिसकी मदद से आप अपने फोन के लत से छुटकारा पाने में मदद मिल सकती है| DIGITAL WELLBEING APP क्या है | इसका प्रयोग कैसे करे?से जूरी  सारी जानकारी आपको इस पोस्ट में मिल जाएगी| आपने सही पढा यदि आपके घर में बच्चे भी फोन और गेम अथवा यूट्यूब में कार्टून देखने के आदी हो चुके हैं तो भी आप इस पोस्ट में आगे उससे छुटकारा पाने का उपाय ढूंढ लेंगे|

इस पोस्ट में डिजिटल वेलबींइग एप के बारे में हर जानकारी हम अपने पाठकों को देने की कोशिश करेंगे ताकि हमारे पाठक को digital wellbeing app की मदद से फोन के लत से छुटकारा पाने में मदद मिल सकती है|

Digital wellbeing app मीनिंग इन हिंदी

Digital wellbeing app एक ऐसा एप्लीकेशन है जिसकी मदद से हम अपने फोन में कर रहे हर प्रकार के कार्यों का मॉनिटरिंग कर सकते हैं हमने कितनी बार यूट्यूब में वीडियो देखी कितनी बार फोन को लॉक किया एवं कितनी बार अनलॉक किया फेसबुक में हमने कितना समय बिताया एवं व्हाट्सएप ने हमारा कितना समय बर्बाद किया सारे एप्स की मॉनिटरिंग आप आसानी से कर सकते है

यदि आप के घर में कोई बच्चा यूट्यूब के कार्टून के आदी बन चुके हैं तब भी आप digital wellbeing app की मदद से उसे निजात पा सकते हैं| आइए जानते हैं हम digital wellbeing app की मदद से अपने जीवन में कैसे सुधार ला सकते हैं|

Digital wellbeing app कैसे डाउनलोड करें

यदि आपका फोन एक एंड्राइड फोन है एवं उसमें एंड्रॉयड पाई का प्रयोग होता हो तो ऐसे फोन में आप डिजिटल वेलबींइग ऐप का प्रयोग आसानी से कर सकते हैं अथवा यदि आपका फोन updated Android version को सपोर्ट करता है तो आपका फोन मैं डिजिटल वेल्डिंग ऐप का प्रयोग आसानी से हो सकता है|

हालांकि आजकल मार्केट में जितने भी नए स्मार्टफोन आ रहे हैं सभी फोंस में प्राय डिजिटल wellbeing ऐप पहले से ही इंस्टॉल रहते हैं ताकि लोग उन्हें आसानी से इस्तेमाल कर पाएं| यदि आपके मोबाइल फोन में अपडेटेड एंड्राइड वर्जन है लेकिन डिजिटल wellbeing ऐप इंस्टॉल नहीं है तो घबराने की कोई जरूरत नहीं है आप प्ले स्टोर में जाकर उन्हें प्ले स्टोर से डाउनलोड आसानी से कर सकते हैं एवं इंस्टॉल कर उनका प्रयोग कर सकते हैं|

अब जानते हैं डिजिटल wellbeing एप का प्रयोग कैसे करें?

Digital wellbeing app का प्रयोग कैसे करें | how to use digital wellbeing app

हमें इतना तो पता चल चुका है कि इस ऐप की मदद से हम अपने फोन के लत से छुटकारा पा सकते हैं लेकिन कैसे यह जानना अभी बाकी है इसके लिए हमें यह एप्लीकेशन काम कैसे करते हैं इसके बारे में जानना बहुत जरूरी है चलिए जानते हैं यह एप्लीकेशन का प्रयोग कैसे करें?

मोबाइल के application आपका समय बर्बाद कर रहा है

जी हां आप लोगों ने जो टॉपिक पढ़ा है वह एकदम सच है क्योंकि हम सभी को पता है आज हम 21वीं सदी में इंटरनेट गूगल अथवा यूट्यूब से इस प्रकार जुड़े हैं यह सबको पता है| हम अपने दिनचर्या का कीमती समय इन मोबाइल एप्स में बर्बाद कर देते हैं|

अतः इस एप्लीकेशन के जरिए हम अपने मोबाइल में कौन से ऐप हमारा कितना समय बर्बाद करता है सारी खबर रख सकेंगे जिससे हम जान पाएंगे कि कौन सा एप्लीकेशन हमारे लिए काम का है और कौन सा हमारा समय बर्बाद करते हैं|

मोबाइल फोन के समय का आंकड़ा प्राप्त करें

Digital wellbeing app के जरिए हम सारा दिन में कितनी बार मोबाइल फोंस का प्रयोग करते हैं एवं कितनी बार हम अपने मोबाइल को किन किन रूपों में प्रयोग करते हैं सभी की जानकारी आप इस एप्लीकेशन के जरिए प्राप्त कर लेंगे|

एवं अपने समय अनुसार इस एप्लीकेशन का प्रयोग कर अपना समय आप बचा सकते हैं तथा इस एप्लीकेशन में और भी कई ऐसे फीचर्स है जिसके जरिए हम अपने कीमती समय को कई तरह से बचा सकते हैं आगे जानते हैं|

मोबाइल फोंस के स्क्रीन टाइम का समय जानिए

यह ऐप के जरिए आप अपने फोन में जो भी देख रहे होते हैं उसमें कितना समय बर्बाद होता है सब की जानकारी यह रिकॉर्ड करता है एवं यदि आप किसी नोटिफिकेशन को देखने के लिए फेसबुक ऑन करते हैं तथा ऑन करने के बाद फेसबुक में देखते हुए समय भी नष्ट होता है तो यह सब की जानकारी के रिकॉर्ड इस ऐप में आपको मिल जाती है| ध्यान दीजिए यदि आप फोन में किसी प्रकार का डाउनलोड कर रहे हैं अथवा संगीत सुन रहे हैं तो इसकी जानकारी या ऐप नहीं रखता है|

Notification received का आंकड़ा

जी हां साथियों आपके मोबाइल फोंस में कौन सा ऐसा ऐप है जिस का नोटिफिकेशन सबसे ज्यादा आपको परेशान करता है एवं कौन सा ऐसा ऐप है जिसका नोटिफिकेशन सबसे ज्यादा आपके फोन प्राप्त करता है यह सब की जानकारी आपको डिजिटल wellbeing ऐप के जरिए मिल जाती हैं| यदि आप नोटिफिकेशन रिसीव के ऑप्शन का चयन करते हैं तो आप देख पाएंगे प्रत्येक ऐप का कितना नोटिफिकेशन आता है यह नोटिफिकेशन काउंट इस एप के द्वारा आसानी से हो सकता है|

कितनी बार आप ने अपने मोबाइल को ओपन किया?

इस ऐप के शुरुआत में एक ऑप्शन मिलता है जिसमें टाइम ओपन का विकल्प दिया रहता है अगर इसे आप इनेबल कर लेते हैं तो आप देख सकते हैं की:

  • आपने दिन में कितनी बार अपने फोन को ऑन किया
  • आपने कितनी बार कौन से ऐप को खोला है

यह सभी आकरा आपको प्रत्येक दिन के रूप में दिख जाएंगे कि हर दिन आप कितनी बार इन चीजों के दौरान अपना समय बर्बाद करते हैं? यदि आप अपने प्रीवियस दिनों का आकरा जानना चाहते हैं तो एरो की को टाइप करके अपने पिछले डाटा को आसानी से देख सकते हैं|

अपने आप को अपने मोबाइल फोन से छुटकारा दिलाएं

यदि आप इस पोस्ट को यहां तक पढ़ रहे हैं इसका मतलब यह है कि आप अपने फोन से छुटकारा पाना चाहते हैं, उसकी लत से निजात पाना चाहते है आगे डिजिटल Well Being App में ऐसे कई प्रकार के फीचर दिए गए हैं जिसके द्वारा आप अपने मोबाइल फोन से अपने आप को छुटकारा दिला सकते हैं आइए जानते हैं:

Turn off notification का शानदार प्रयोग करें:

Digital wellbeing app में यह एक ऐसा फीचर है जिसके जरिए आप अपने फोन से अलग हो सकते हैं | आपके पास रहते हुए भी वह फोन आपके पास नहीं के बराबर होगा| इस ऐप में जितने भी नोटिफिकेशन आपको सारे दिन में जिन-जिन एप्लीकेशन के जरिए आते हैं उन सभी को पूरी तरह से डिसएबल कर सकते हैं जिसके कारण आपको किसी भी प्रकार की नोटिफिकेशन प्राप्त नहीं होगी|

इसके लिए सबसे पहले आप नोटिफिकेशन वाले विकल्प पर जाए एवं मोस्ट फ्रिक्वेंट ऑप्शन का विकल्प चुने एवं आप देख पाएंगे कि कौन से ऐसे एप्लीकेशन है जो सबसे ज्यादा नोटिफिकेशन आपको भेजता है एवं आपका समय बर्बाद करते हैं| ऐसे में आप नोटिफिकेशन अकाउंट के दाई और टर्न ऑफ नोटिफिकेशन को सिलेक्ट करें अतः आप देख पाएंगे कि आपके मोबाइल में किसी भी प्रकार का नोटिफिकेशन आना बंद हो जाएगा|

एप टाइमर का प्रयोग कर आप खुद को एवं अपने बच्चों को मोबाइल की लत से बचाए:

जी हां दोस्तों app टाइमर डिजिटल wellbeing app का एक ऐसा ऑप्शन है जिसके जरिए हम अपना कीमती समय अपने लिए तथा अपने बच्चों के लिए भी बचा सकते हैं| हममें से कई लोग यूट्यूब अथवा फेसबुक तथा अन्य सोशल नेटवर्किंग साइट के इतने आदी हो चुके होते हैं कि हम चाहते हैं 5 मिनट के लिए इन साइट को देखें लेकिन देखते ही देखते हमारे 2 से 3 घंटे ऐसे ही चले जाते हैं|

साथ ही हमारे घरों में हमारे बच्चे यूट्यूब में कार्टून देखने के इतने आदी हो चुके रहते हैं कि उनके हाथ से मोबाइल छीन ना मानो जंग जीतने के बराबर होता है| अतः डिजिटल वेलबींइग एप के जरिए आप ऐप टाइमर का प्रयोग कर सकते हैं, इसमें आप जिन भी एप्लीकेशन का प्रयोग करना चाहते हैं उन एप्लीकेशन के ऊपर एक निर्धारित समय सेट कर ले एवं आप देखेंगे कि जो निर्धारित समय अपने सेट किए हैं उसके 1 मिनट पहले ही आपको नोटिफिकेशन आना शुरू हो जाएगा कि आप यह एप्लीकेशन बंद करें|

मान लीजिए मेरे घर में मेरे बच्चे के हाथ में मोबाइल फोन है जो यूट्यूब में कार्टून देख रहा है यदि मैं डिजिटल well-being एप में जाकर यूट्यूब का समय 30 minute कर दिया जाए तो 29 मिनट होने के बाद इस ऐप के जरिए नोटिफिकेशन आना शुरू हो जाएगा कि आपको यह यूट्यूब बंद करना होगा अथवा यह खुद ब खुद अपने आप ही बंद हो जाएगा|

Digital wellbeing app मैं ऐप timer set करने के लिए निम्नलिखित स्टेप को फॉलो करें

  • Step1 में एप्स खोलें और पाई चार्ट पर टाइप करते हुए डैशबोर्ड के ऊपर चले जाए
  • Step 2 एक लिस्ट दिखाई देगी जिसमें एप टाइमर सेट करने के लिए आवर ग्लास नामक आइकन पर टैप करें
  • Step 3 मैं उतने समय का चयन करें जितने समय तक आप अधिकतम उस ऐप को इस्तेमाल करना चाहते है

अब आप एप टाइमर के जरिए अपने यूज करने वाले एप्लीकेशन का टाइम सेट कर चुके हैं अतः अब जब भी आप इसका प्रयोग करेंगे जितना टाइम अपने सेट किया है उसके 1 मिनट पहले से आपको नोटिफिकेशन आना शुरू हो जाएगा कि आप अपने समय की अधिकतम सीमा बस पार कर चुके हैं|

Digital wellbeing app Main wind-down क्या है

इस एप्लीकेशन में विंड डाउन की सुविधा एक ऐसी सुविधा है जिसके जरिए आप अपने रात में आसानी से सो सकते हैं जैसे आप सोने के बाद भी कुछ ऐसे फीचर्स है जिससे आप ऑटोमेटिक सेट कर सकते हैं| यदि आप wind down सिस्टम के तहत रोशनी सेट करना चाहते हैं तो जब आप सेट कर लेंगे तब आप देखेंगे कि रात के समय आपका स्क्रीन ऑटोमेटेकली ऐसे मोड पर चला जाएगा जिसे देखकर आपकी आंखें विचलित नहीं होंगी|

यह ऐप स्वचालित रूप से विंड डाउन के जरिए मोबाइल की रोशनी को सेट करता है जिससे आपको तकलीफ कम महसूस होती है आरामदायक होता है तथा यदि आप डू नॉट डिस्टर्ब के ऑप्शन को अनेबल कर लेते हैं तो सोते समय आप के मोबाइल में जितने भी अन-नेसेसरी notification अथवा किसी भी प्रकार के डिस्टरबेंस को रोके रखता है जिससे आप अच्छी तरह सो सकते हैं|

Parents के लिए महत्वपूर्ण है यह ऐप

यह एप्लीकेशन उन पेरेंट्स के लिए रामबाण के समान है जिसके बच्चे मोबाइल के आदी हो चुके हैं| मोबाइल में गेम खेलना यूट्यूब देखना आदि ऐसे कई बच्चे हैं जिनके पेरेंट्स अक्सर परेशान रहते हैं आतः डिजिटल वेलबींइग एप की मदद से आप अपने महत्वपूर्ण समय को बर्बाद होने से रोक सकते हैं एवं अपने बच्चों को नियमित समय के लिए ही अपने सेलफोन का प्रयोग करने के लिए बधित कर सकते हैं|

बच्चों को कंट्रोल करने के लिए डिजिटल वेलबींइग ऐप की मदद ले

जी हां आप अपने बच्चों को मोबाइल के लत से बचाने के लिए डिजिटल वेलबींइग ऐप की मदद ले सकते हैं जिसके जरिए आप ऊपर के दिए गए पोस्ट की उपाय की मदद से अपने बच्चों के हर एक्टिविटी को कंट्रोल कर सकते हैं| आपके बच्चे कितने देर के लिए गेम खेलें कितने देर के लिए यूट्यूब का प्रयोग करें एवं कितने देर के लिए युटुब में कार्टून अथवा फेसबुक का प्रयोग करें इन सभी के एक्टिविटी को आप और जांच सकते हैं एवं उसके आंकड़े को आप प्राप्त कर सकते हैं कि आपके बच्चे ने कितने समय के लिए कौन-कौन से ऐप के जरिए कौन-कौन सी चीजें देखी है अथवा किन-किन चीजों को प्रयोग किया है सभी का आप देख सकते हैं|

अपने वक्त को कंट्रोल करें

Digital wellbeing app एक ऐसा ऐप है जिसके जरिए आप अपने वक्त को कंट्रोल कर सकते हैं, जैसे अक्सर हम अपने खाली समय में इंटरनेट अथवा फेसबुक व्हाट्सएप गूगल यूट्यूब में ऐसे खो जाते हैं कि वक्त का खबर ही नहीं मिलता देखते ही देखते दो-तीन घंटे ऐसे निकल जाते हैं जैसे हमने कुछ मिनट पहले ही फेसबुक अथवा यूट्यूब देखना से प्रारंभ किया है|

अतः इस ऐप के जरिए आप ऊपर दीए गए पोस्ट में जितने भी स्टेप्स दिए हुए हैं, उनका इस्तेमाल कर आप अपने फोन की लत से छुटकारा पा सकते हैं एवं अपने कीमती समय को अपने फैमिली तथा बच्चों के साथ साझा कर सकते हैं|

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