लेखक:मोनू शर्मा राय
BAISHAKHI-दोस्तों भारत में अप्रैल का महिना हर भारत वाशी के लिए खाश होता है| हमारा देश विविधताओ का देश है जिसमे अलग अलग के समुदाय के लोग रहते है| सभी की रहन सहन में काफी विविधताए देखने को मिलती है लेकिन अप्रैल का माह एक एसा माह है जिसमे पुरे भारत में हिन्दू रीतिरिवाज के अनुसार नव वर्ष को मनाया जात है| इसी तरह भारत के उतर में पंजाब में बैशाखी का पर्व मनाया जाता है| क्या आपको पता है बैशाखी/BAISHAKHI का महत्व जाने 2023 ? QOTES ON BAISHAKHI IN 2023 में अगर नही तो यह पोस्ट अप के लिए है| इसमें हम इस पर्व से जूरी साडी जानकारी अप सभी के साथ साझा करेंगे| ये भी पढ़े:DP FULL FORM OF WHATSAPP
बैशाखी/BAISHAKHI का दिन एवं माह?
प्रत्येक वर्ष अप्रैल के महीने में बैशाखी का पर्व मनाया जाता है| इस पर्व को कृषि पर्व के नाम से भी जाना जाता है| कारन यह है की पंजाब एवं हरियाणा में इस समय से फसल की कटाई की आरंभ हो जाती है| इस दिन को अभी किशन अपने अपने खेतो से अनाज को कटकर लेते है एवं शाम के समय बाकि अवशेषों को इक्कठा कर उसमे आग लगा देते है पर उस आग में नई फसलो को डालते है|
इस साल बैशाखी का पर्व 14 अप्रैल को बुधवार के दिन है| इस दिन भारत के उत्तर में स्थित राज्य जैसे पंजाब,हरियाणा,दिल्ली में काफी धूमधाम से मनाई जाती है| सिक्ख धर्म में इस दिन को नववर्ष के रूप में मनाया जाता है| ये भी पढ़े :
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बैशाखी का महत्व?
जैसा हमने आपसे कहा भारत में अप्रैल का माह नव वर्ष का माह के रूप में जाना जाता है भरतीय परंपरा के अनुशार| बैशाखी पर्व का महत्व भरत में निम्न प्रकार से है;
1. जैसे सिक्खों क 10 वे गुरु गुरुगोबिंद सिंह जी खालशा पंथ की स्थापना 13 अप्रैल 1699 बैशाखी पर्व के दिन ही किया था| इस पंथ का मुख्य उस्द्देश्य समाज में भलाई करना एवं धर्म की रक्षा करना था|
2.पंजाब एवं हरियाणा के किशन इस दिन एकदूसरे को शुभकामनाए देते है| भंगड़ा करते हुए नजर आते है यहाँ के लोग एवं चारो और नए कपरे पहन कर बच्चे घूमते नजर आते है|
3. बैशाखी को मेष संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन को सूर्य मेष राशि में प्रवेश करते हैं,एसा माना जाता है।
4. बंगाल में भी बैशाखी पर्व का अपना अलग ही महत्व है क्योंकि बैशाखी,बंगाली कैलेंडर का पहला दिन होता है। एवं बंगाल में इस दिन को पोइला बोइशाख कहा जाता है| इस दिन बंगाल के लोग नए कपरे पहनते है एवं उत्सव मनाते है|
5. असम में बैशाखी के दिन बिहू पर्व का उत्सव बरे धूम-धाम से मनाया जाता है।
बैशाखी का दिन एवं माह?
प्रत्येक वर्ष अप्रैल के महीने में बैशाखी का पर्व मनाया जाता है| इस पर्व को कृषि पर्व के नाम से भी जाना जाता है| कारन यह है की पंजाब एवं हरियाणा में इस समय से फसल की कटाई की आरंभ हो जाती है| इस दिन को अभी किशन अपने अपने खेतो से अनाज को कटकर लेते है एवं शाम के समय बाकि अवशेषों को इक्कठा कर उसमे आग लगा देते है पर उस आग में नई फसलो को डालते है|
इस साल बैशाखी का पर्व 14 अप्रैल को बुधवार के दिन है| इस दिन भारत के उत्तर में स्थित राज्य जैसे पंजाब,हरियाणा,दिल्ली में काफी धूमधाम से मनाई जाती है| सिक्ख धर्म में इस दिन को नववर्ष के रूप में मनाया जाता है|
बैशाखी का महत्व?
जैसा हमने आपसे कहा भारत में अप्रैल का माह नव वर्ष का माह के रूप में जाना जाता है भरतीय परंपरा के अनुशार| बैशाखी का महत्व भरत में निम्न प्रकार से है;
1. जैसे सिक्खों क 10 वे गुरु गुरुगोबिंद सिंह जी खालशा पंथ की स्थापना 13 अप्रैल 1699 बैशाखी पर्व के दिन ही किया था| इस पंथ का मुख्य उस्द्देश्य समाज में भलाई करना एवं धर्म की रक्षा करना था|
2.पंजाब एवं हरियाणा के किशन इस दिन एकदूसरे को शुभकामनाए देते है| भंगड़ा करते हुए नजर आते है यहाँ के लोग एवं चारो और नए कपरे पहन कर बच्चे घूमते नजर आते है|
3. बैशाखी को मेष संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन को सूर्य मेष राशि में प्रवेश करते हैं,एसा माना जाता है।
4. बंगाल में भी बैशाखी पर्व का अपना अलग ही महत्व है क्योंकि बैशाखी,बंगाली कैलेंडर का पहला दिन होता है। एवं बंगाल में इस दिन को पोइला बोइशाख कहा जाता है| इस दिन बंगाल के लोग नए कपरे पहनते है एवं उत्सव मनाते है|
5. असम में बैशाखी के दिन बिहू पर्व का उत्सव बरे धूम-धाम से मनाया जाता है।
बैशाखी का दिन एवं माह?
प्रत्येक वर्ष अप्रैल के महीने में बैशाखी का पर्व मनाया जाता है| इस पर्व को कृषि पर्व के नाम से भी जाना जाता है| कारन यह है की पंजाब एवं हरियाणा में इस समय से फसल की कटाई की आरंभ हो जाती है| इस दिन को अभी किशन अपने अपने खेतो से अनाज को कटकर लेते है एवं शाम के समय बाकि अवशेषों को इक्कठा कर उसमे आग लगा देते है पर उस आग में नई फसलो को डालते है|
इस साल बैशाखी का पर्व 14 अप्रैल को बुधवार के दिन है| इस दिन भारत के उत्तर में स्थित राज्य जैसे पंजाब,हरियाणा,दिल्ली में काफी धूमधाम से मनाई जाती है| सिक्ख धर्म में इस दिन को नववर्ष के रूप में मनाया जाता है|ये भी पढ़े :
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बैशाखी का महत्व?
जैसा हमने आपसे कहा भारत में अप्रैल का माह नव वर्ष का माह के रूप में जाना जाता है भरतीय परंपरा के अनुशार| बैशाखी पर्व का महत्व भरत में निम्न प्रकार से है;
1. जैसे सिक्खों क 10 वे गुरु गुरुगोबिंद सिंह जी खालशा पंथ की स्थापना 13 अप्रैल 1699 बैशाखी पर्व के दिन ही किया था| इस पंथ का मुख्य उस्द्देश्य समाज में भलाई करना एवं धर्म की रक्षा करना था|
2.पंजाब एवं हरियाणा के किशन इस दिन एकदूसरे को शुभकामनाए देते है| भंगड़ा करते हुए नजर आते है यहाँ के लोग एवं चारो और नए कपरे पहन कर बच्चे घूमते नजर आते है|
3. बैशाखी को मेष संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन को सूर्य मेष राशि में प्रवेश करते हैं,एसा माना जाता है।
4. बंगाल में भी बैशाखी पर्व का अपना अलग ही महत्व है क्योंकि बैशाखी,बंगाली कैलेंडर का पहला दिन होता है। एवं बंगाल में इस दिन को पोइला बोइशाख कहा जाता है| इस दिन बंगाल के लोग नए कपरे पहनते है एवं उत्सव मनाते है|
5. असम में बैशाखी के दिन बिहू पर्व का उत्सव बरे धूम-धाम से मनाया जाता है।
QUOTES,MASSAGES,WISHES ON BAISHAKHI 2023:
यूँ तो भारत विविधताओ का देश है यहाँ पुरे शाल त्योहारों का मेलालगा रहता है| अतः उन्हें निभाते हुए हम अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को कई तरह के सन्देश भेजते है उनमे से कुछ अंदेश आपके साथ हम साझा करते हुए:
1.अन्नदाता की खुश हाली
और समृधि का पर्व
बैशाखी पर आप सभी को ढेर सारी सुभकामनाए
2.सुबह-सुबह उठ के हो जाओ फ्रेश
पहं लो आज सबसे अच्छा कोई ड्रेस
दोस्तों के साथ अब चले घुमने
बैशाखी की दो सुभकामना जो आए सामने
3.आई है बैशाखी
साथ लाइ ढेरो खुशहाली
तो भंगड़ा पाओ,ख़ुशी मनाओ
मिलकर सब बंधू भाई
बैशाखी मनाओ
4. फूलो की महक
गेहूं की बालियान
तितलियों कि रंगत
अपनों का प्यार
सबके दिल को मुबारक हो बैशाखी का त्यौहार|
बैशाखी का महत्व जाने 2023 में? के कुछ अंतिम शब्द:
हम आशा करते है आपको हमरा यह आर्टिकल QOTES ON BAISHAKHI IN 2023 /बैशाखी का महत्व जाने 2023 में? अच्छा लगा होगा| हम अपने पाठक के लिए इसमें साडी जानकारी देने की कोशिश की है| जो हमारे पाठक के समय को महत्व दे|
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