लेखल: गुड्डू राय
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राष्ट्रीय विज्ञान दिवस/SCIENCE DAY कब और क्यों मानया जाता है?
28 फरवरी 1928 को भारतीय इतिहास के महान दिनों में से एक है| इस दिन वैज्ञानिक सी.वी.रमण द्वारा विशेस आविष्कार रमण प्रभाव(RAMAN EFFECT) का आविष्कार किया गया था | वे भारत के महान वैज्ञानिकों में से एक माने जाते है | उन्हें इस अविष्कार के लिए नावेल पुरष्कार से सम्मानित किया गया था | ऐसा करने वाले वह भारत में ही नहीं बल्कि पुरे एशिया में नावेल पुरस्कार पाने वाले प्रथम व्यक्ति बने |वे एक तमिल ब्राह्मण थे | वे भारत के पहले व्यक्ति थे जिन्होंने भारत में किसी तरह का शोधकार्य किया था | सन 1907से 1933 तक इन्होने इंडियन एसोसिएशन ऑफ़ द कल्टीवेशन ऑफ़ साइंस , वेस्ट बंगाल (indian association of the cultivation of science ,west bengal) में काम किया | इस दौरान उन्होंने कई तरह के शोध किये जिसमे सबसे प्रमुख रमण प्रभाव (raman effect) है | रमण प्रभाव (raman effect ) की खोज करने के लिए इन्हें सन 1930 में नावेल पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया था | डॉ. सी. वी. रमण के इन प्रयासों को हम भविष्य में याद रखे और हमारे देश के नौजवान इनसे प्रेरित होते रहे और भारत को नयी ऊंचाई तक ले जाने में अपने योगदान दे ,इसलिए 1986 को कौंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी (council for science and technology) द्वारा 28 फरवरी को विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है |
2022 में रास्ट्रीय विज्ञान दिवस की थीम क्या है ?(WHAT IS THE THEME OF SCIENCE DAY IN 2022?)
वर्ष(YEAR) |
थीम (THEME) |
1999 |
हमारी बदलती धरती |
2000 |
मूल विज्ञानं तथा रूचि उत्पन्न करना |
2001 |
विज्ञान शिक्षा के लिए सुचना तकनीक |
2002 |
पश्चिम से धन |
2003 |
जीवन की रुपरेखा- 50 साल का डीएनए और 25 साल का आईवीएफ |
2004 |
समुदाय में वैज्ञानिक जागरूकता को बढावा देना |
2005 |
भोतिकी को मानना |
2006 |
हमारे भविष्य के लिए प्रकृति की परवरिस करे |
2007 |
प्रति द्रव्य पर ज्यादा फसल |
2008 |
पृथ्वी गृह को समझना |
2009 |
विज्ञानं की सीमा को बढ़ाना |
2010 |
दीर्घकालीन विकास के लिये लैंगिक समानता ,विज्ञानं और तकनीक |
2011 |
दैनिक जीवन में रसायन |
2012 |
स्वच्छ उर्जा विकल्प और परमाणु सुरक्षा |
2013 |
अनुवांसिक संसोधित फसल और खाध सुरक्षा |
2014 |
वैज्ञानिक प्रवृति को प्रोत्साहित करना |
2015 |
रास्ट्रीय निर्माण के लिए विज्ञानं |
2016 |
देश के विकास के लिए वैज्ञानिक मुद्दों पर सार्वजनिक प्रसंसा बढ़ने का लक्ष्य |
2017 |
विशेस रूप से एबल्ड पर्सन के लिए विज्ञानं और प्रोधोगिकी |
2018 |
एक सतत भविष्य के लिए विज्ञानं और प्रोधोगिकी |
2019 |
विज्ञानं के लिए जन और जन विज्ञानं के लिए विज्ञान |
2020 |
विज्ञान में महिलाएं |
2021 |
एसटीआई का भविष्य : शिक्षा,कौसल और कार्य पर प्रभाव |
रास्ट्रीय विज्ञानं दिवस को किस तरह से मनाया जाता है ?(HOW DO WE CELEBRATE SCIENCE DAY?) :
विज्ञान दिवस मनाने का उदेश्य:
राष्टीय विज्ञान दिवस की घोषणा कब की गई?(WHEN WAS SCIENCE DAY DECLARE?)
वर्ल्ड साइंस डे फॉर पिस एंड देवलोपमेंट(WORLD SCIENCE DAY FOR PICE AND DEVELOPMENT):
रमण प्रभाव हिंदी में जाने(RAMAN EFFECT IN HINDI):
रमण प्रकीर्णन या रमण प्रभाव या रमण प्रभाव फोटोन कणों के लचीले वितरण के बारे में है| इसकी खोज प्रसिद्ध भरतीय वैज्ञानिक श्री सी.वी.रमण ने की थी|रमण प्रभाव के अनुसार जब कोई एकवर्णी प्रकाश द्रवों और ठोसो से होकर गुजरता है,तो उसमे आपतित प्रकाश के साथ अत्यल्प तीव्रता का कुछ अन्य वर्णों का प्रकाश देखने में आता है| 1930 में भौतिकी का नोबेल पुरुष्कार चंद्रशेखर वेंकट रामन(C.V. RAMAN) को उनके इस खोज के लिए दिया गया था| भारत में और किसी भी एशियाई देसों में विज्ञान के क्षेत्रो पाने वाला पहला व्यक्ति था,जिन्हें नोबेल पुरुष्कार से सम्मानित किया गया था| 28 फरवरी को इन्होने रमण प्रभाव की खोज किया था इसीलिए भारत में इस दिन को विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है|
साइंस दिवस के उपलक्ष में कुछ प्रश्न(SOME QUESTION ON SCENCE DAY):
कुछ अंतिम सब्द साइंस दिवस के उपलक्ष पर:
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