BIOGRAPHY OF SRI HARIVANS RAI BACCHAN IN HINDI | (2023 में जानिए हरिवंस राय बच्चन की जीवन कथा हिंदी में )-hindimetrnd

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BIOGRAPHY OF SRI HARIVANS RAI BACCHAN -भारत में कवियों का इतिहास काफी प्रसंसनीय रहा है, भारत में 19 वि सदी के अंत और 20 वी सदी की सुरुवात को छायावादी काल के नाम से जाना जाता है, आज हमलोग छायावाद के प्रसिद्ध कवि श्री हरिवंस राय बच्चन के जीवन कथा के बारे में जनेंगे| ( BIOGRAHY OF SRI HARIWANS RAI BACCHAN)

Table of Contents

BIOGRAPHY OF SRI HARIVANS RAI BACCHAN- हरिवंस राय बच्चन का बाल्यकाल जीवन(childhood life of HARIVANS RAY BACCHAN):

हरिवंस राय बच्चन का जन्म एक मध्यम वर्गीय परिवार में 27 नवम्बर 1907 में बाबूपट्टी गावं में हुआ था जो प्रतापगढ़ जिला के उत्तर प्रदेश,भारत में परता है| इनके पिता का नाम प्रताप नारायण श्रीवास्तव और इनकी माता का नाम श्री सरस्वत्ति देवी थी| सुरुवाती पढाई इन्होने गावं के पाठशाला में की इन्होने पहले उर्दू की शिक्षा ली और फिर हिंदी की सिक्षा प्राप्त की| उनके परिवार का उपनाम श्रीवास्तव है,बच्चन उनके द्वारा प्रयोग करने वाला कलम नाम है जो बाद में जाकर प्रसिद्ध हुई| इनकी प्रसिद्धी जैसे जैसे बढती गई इनका कलम नाम बच्चन ही प्रसिद्ध होता गया और आज इन्हें पूरी दुनिया में हरिवंस राय बच्चन के नाम से जानते है जो इनका उपनाम है| वे कायस्थ विरासत के थे|

हरिवंस राय बच्चन की सिक्षा:

बचपन में इन्होने गावं की पाठशाला से अपनी पढाई की शुरुवात की पहले इन्होने उर्दू की सिक्षा ली फिर हिंदी की पढाई सीखी| जैसे जैसे ये बरे होते गए इनकी पढाई में दिल्चस्बी बढती गई| और आगे चलकर ये अपनी M .A की पढाई इलाहाबाद विस्वविद्यालय से पूरी की और स्नातक(ग्रेजुएट) हुए| उन्होंने अग्रवाल कालेज में शिक्षक के रूप में कार्य किए और अपनी पढ़ाई भी जरी रखी| उन्होंने अपनी बाकी की पढाई को पूरी करने के लिए केम्ब्रिज विस्वविद्यालय चले गए| 1941 में उन्होंने अंग्रेजी सोहित्य के कवी W.B.YITS (डब्लू.बी यीट्स) के कविताओ पर शोध कर इन्होने अपनी P .H.D की पढाई  पूरी की और पहले भारतीय बने जिन्होंने कैम्ब्रिज विस्विधय्लय से ये उपाधि हाशिल की|

हरिवंस राय बच्चन का निजी जीवन:

हरिवंस राय बच्चन शुरवाती दिनों में गावं में रहते थे और उस समय की प्रथा के अनुसर विवाह बहुत जल्दी कर दी जाती थी, इसी तरह 1926 में जब वह मात्र 19 वर्ष के थे उनका विवाह कर दिया गया, उनकी पत्नी का नाम श्यामा थी जिनकी उम्र मात्र 14 वर्ष था| हालाँकि उनका विवाह काल ज्यादा दिन तक नहीं टिक सका और 1936 में उनकी पत्नी श्यामा को टी.बी(TUBOCLOUSIS/T.B) नमक बीमारी हो गई और उनका देहांत हो गया| पांच वर्ष के बाद 1941 में एक पंजाबन तेजी सूरी से उन्होंने दुबारा शादी की जो रंगमंच में कार्य करती थी| जो गायन में काफी रूचि रखती थी|

उनका दांपत्य जीवन काफी सुखद था | इन दम्पति से उन्हें दो संताने प्राप्त हुई| दोनों संतानों के रूप में दो लरको ने इनके घर में जन्म लिया जिनमे से एक का नाम अजिताभ बच्चन और दुसरे का नाम(जिन्हें आज पूरा विश्व जानता है) श्री अमिताभ बच्चन है| इनका एक बेटा बिजनेसमेन बना और दूसरा बेटा अमिताभ बच्चन एक प्रसिद्ध अभिनेता  बना | उनका माता तेजी बच्चन का श्रीमती इंदिरा गाँधी के साथ अच्छी दोस्ती थी जिनके कारण उनका गाँधी परिवार से काफी अच्छे सम्बन्ध थे|

नाम(NAME)हरिवंस राय बच्चन(श्रीवास्तव)
माता का नाम (MOTHER NAME)सरस्वती देवी
पिता का नाम (FATHER NAME)प्रताप नारायण श्रीवास्तव
जन्म(BIRTH)27नवम्बर 1907
आयु95 वर्ष (मृत्यु तक)
जन्म स्थान(BIRTH PLACE)गावं बाबूपट्टी,जिला प्रतापगढ़,उत्तरप्रदेश ,(भारत) 
पत्नी का नाम(WIFES NAME)श्यामा देवी(पहली पत्नी/1926-1936) तेजी बच्चन(दूसरी पत्नी/1941-2007)
पेशा (OCCUPATION)लेखक,कवि,साहित्यकार,प्राध्यापक  
शैली/भाषाअवधि,हिंदी,छायावाद
बच्चे(CHILDREN)अजिताभ बच्चन, अमिताभ बच्चन
मृत्यु(DEATH)18 जनवरी 2003
राष्ट्रीयता(NATIONALITY)भारतीय
सिक्षा(EDUCATION)M.A इलाहबाद विस्वविद्यालय, P.H.D केम्ब्रिज विस्वविद्यालय से  
मृत्यु स्थान(DEATH PLACE)मुंबई(MUMBAI)
भाईबहन————-
पुरुष्कार(AWARD)पद्म-भूषण(1976) शाहित्य अकादमी पुरुष्कार

हरिवंश राय बच्चन का कामकाजी जीवन:

BIOGRAPHY OF SRI HARIVANS RAI BACCHAN श्री हरिवंस राय बच्चन जी अपने सुरुवाती दिनों में शिक्षक थे हालाँकि हम सभी उन्हें कवि के रूप में जानते है|अग्रवाल कॉलेज में उन्होंने शिक्षक कार्य सुरु किआ| वे छायावाद के प्रमुख कवियों में से एक है,फिर पत्रकार के रूप में एक छोटा सा कार्यकाल रहा | अपनी P.H.D का शोध पूरा होने के बाद वह एक मोटर कम्पनी में शामिल हो गए और छोटे से कार्यकाल के बाद कुछ समय के लिए इलाहाबाद आकाशवाणी में निर्माता के रूप में शामिल हुए| पंडित नेहरु के कहने पर 1955 में केंद्रीय मंत्रालय में ओ.एस डी(O.S.D) के रूप में हिंदी अंग्रेजी में आधिकारिक दस्तावेजो का अनुवाद करने के लिए ओ.एस.डी (O.S.D)  में शामिल हुए और सेवा निर्वित तक जरी रखा|  और हिंदी भासा को बढ़ावा देने के लिए अपनी कविताओ को जरी रखा| वे 10 सालो तक विदेश मंत्रालय से जुरे रहे|

उन्हें लिखने का सौक बचपन से ही था उन्होंने फारसी कवि उम्र खय्याम की कविता का हिंदी में अनुवाद कीया जिन्हें युवा लोगो ने काफी पसंद किआ|  उन्होंने उम्र खय्याम की ही तरह शेक्सपियर मेकबेथ और ओथेलो और हमारे भगवत गीता के हिंदी अनुवाद के लिए जाना जाता है| श्रीमती इंदिरा गाँधी की मृत्यु के बाद उन्होंने 1984 उनकी हत्या पर आधारित अपनी अंतिम कृति कविता लिखी थी|

हरिवंस राय बच्चन के पारिवरिक सदस्य:

BIOGRAPHY OF SRI HARIVANS RAI BACCHAN हरिवंस राय बच्चन का जन्म एक माध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था| उनके माता का नाम प्रताप नारायण श्रीवास्तव और माता का नाम सरस्वती देवी था| उन्होंने अपने जीवन कल में दो सदिया की थी एक का नाम स्यामा देवी(1926-1936) था जिनकी उम्र सादी के दौरान मात्र 14 वर्ष थी, टी बी होने के कारन उनकी मृत्यु हो गई | उनकी दूसरी पत्नी का नाम तेजी बच्चन(1941-2003)था, वह पंजाबी परिवार से सम्बन्ध रखती थी और रंगमंच में कार्य करती थी| तेजी बच्चन और हरिवंस राय बच्चन के दो पुत्र है जिनमें बारे का नाम अजिताभ बच्चन है जो पेसे से एक व्यापारी है और दुसरे का नाम अमिताभ बच्चन(जो पूरा विश्व विख्यात) है|

अजिताभ बच्चन की पत्नी का नाम रामेंला बच्चन है,और इनके चार बच्चे है उनके नाम है भीम बच्चन,नम्रता बच्चन,नैना बच्च्चन और निर्मला बच्चन|आदरणीय श्री अमिताभ बच्चन के धर्म पत्नी का नाम श्रीमती जाया बच्चन है उनके दो बच्चे है,एक पुत्र और दूसरी पुत्री| उनके पुत्र का नाम अभिषेक बच्चन और उनकी पुत्री का नाम स्वेता बच्चन है|

हरिवंस राय बच्चन पौत्रिक परिवार:

BIOGRAPHY OF SRI HARIVANS RAI BACCHAN हरिवंस राय बच्चन के पौत्रिक परिवार में बारे बेटे अजिताभ बच्चन और उनकी धर्म पत्नी रमला बच्चन के चार बच्चे है जिनके नाम भीम बच्चन,नम्रिता बच्चन,नैना बच्चन,निर्मला बच्चन है और उनके छोटे पुत्र श्री अमिताभ बच्चन के बच्चे है अमिताभ और जया बच्चन की एक पुत्र अभिषेक बच्चन और एक पुत्री स्वेता नंदा है| स्वेता नंदा के दो बच्चे है पहला नव्या नवेली और दूसरा अगस्त्य नंदा| अभिषेक जो अमिताभ के सुपुत्र है उनकी एक पुत्री है जिनका नाम आराध्य बच्चन है|

हरिवंस राय बच्चन की कविताए(POEMS OF HARIWANS RAY BACCHAN):

BIOGRAPHY OF SRI HARIVANS RAI BACCHAN यूँ तो हरिवंस राय बच्चन ने समय दर समय बहुत सारे काम किए,परन्तु उन्हें दुनिया उनकी कविताओ और उनकी लेखनी से जयादा पहचानती है उन्हें ख्याति भी उनकी लेखनी के लिए ही मिली| उनकी कुछ प्रसिद्ध कविताए कुछ इस तरह से है:

 1. तेरा हार(1929)  2.मधुशाला(1935)  3.मधुबाला(1936)  4.मधुकलश(1937)  5.आत्म परिचय(1937)  6.निशा निमंत्रण(1938) 7.एकांत संगीत(1939) 8.आकुल अंतर(1943) 9.सतरंगी(1945)  10.हलाहल(1946)  11.बंगाल का काल(1946)  12 खादी  के फुल (1948) 13.सूत की माला(1948) 14.मिलन यामिनी(1950) 15.प्रणय पत्रिका(1955) 16.धार के इधर उधर (1957)  17. आरती और अंगोर(1958)  18.बुध और नाचघर(1958)

19.त्रिभंगिनी(1961) 20.चार खेमे चौसठ खूटे(1962) 21. दो चट्टानें(1965) 22.बहुत दिन बीते(1967)  23.कटती प्रतिभाओ की आवाज(1968)  24.उभरते प्रतिमाओ के रूप(1969) 25.जाल समेटा(1973) 26.नई से नई पुराणी से पराणी (1985) 27.अग्निपथ आदि की रचनाए की| उनके कविताओ के पंक्तिया,

”लहरों से डरकर नौका कभी पार नहीं होती, कोशिश करने वालो की कभी हार नहीं होती!!
नन्ही चीटी जब दाना लेकर चलती है, चढ़ती दीवारों पर सौ बार फिसलती है,
मन का विश्वास रगों में साहस भरते जाता है, चढ़ कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है,
आखिर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती, कोशिश करने वालो की कभी हार नहीं होती!!”

हरिवंस राय बच्चन की कुछ आत्म कथाए:

श्री हरिवंस राय बच्चन ने कवीताओ के साथ साथ कुछ आत्मकथाए भी लिखी है जिनके कुछ नाम ये रहे:

1.क्या भूलूं क्या याद करू(1969)

2.नीर का निर्माण फिर(1970)

3.बसेरे से दूर(1977)

4.दस्द्वार से सोपान तक(1985)

हरिवंस राय बच्चन की किताबे:

BIOGRAPHY OF SRI HARIVANS RAI BACCHAN हरिवंस राय बच्चन ने कई किताबे भी लिखी, उन्हें लिखने का बहुत सुक था वे छायावाद के जाने माने कवियो में गिने जाते है,उन्होंने हिंदी के क्षेत्र में बहुत योगदान दिया है उनके कुछ पुस्तक इस प्रकार है:

1. बच्चन के साथ क्षण भर(1939) 2.खय्याम  की मधुशाला(1938) 3.सोपान(1953) 4.मैक्बोथ(1957) 5.जानगिता(1958) 6 ओथेलो(1959) 7.उमर खय्याम की रुबिइया(1959) 8.कवियों में सोम्य संत पन्त(1960) 9.आज के लोक्पिर्य कवि सुमित्रा नंदन पन्त(1960) 10.आधुनिक कवि(1961) 11.नेहरु राजनैतिक परिचय(1961) 12.नए पुराने झरोखे(1962)  13.अभिनव सोपान(1964) 14.चौशठ रूपी कविताए(1964) 15.नगर गीता(1966) 16.बच्चन के लोकप्रिय गीत(1967) 17.W.B YITS AND ACTITISM(1968) 18.मरकत द्वीप का स्वर(1969)

19. हैमलेट(1969) 20.भाषा अपनी भाव परोसे(1970) 21.पन्त के सौ पत्र(1970) 22.प्रवास की डयरी(1971) 23.किंग लियर(1972) 24.टूटी घरी करियां(1973)

हरिवंस राय बच्चन के पुरष्कार/उपलब्धिया (AWARD OF HARIWANS RAY BACCHAN):

BIOGRAPHY OF SRI HARIVANS RAI BACCHAN बच्चन ने अपने जीवन काल में बहुत से काम किए है उनके उपलब्धियों को हम उनको दिए गए पुरष्कार और सम्मान से जान सकते है की वे कितने बरे बच्चन शक्शियत थे| उनकी कृती दो चट्टानों के लिए  1968 में हिंदी में दी योगदान के लिए उन्हें शाहित्य अकादमी पुरुष्कार  दिया गया|

इसी वर्ष उन्हें सोवियत लैंड नेहरु पुरुष्कार तथा एफ्रो एशियाई सम्मलेन के कमल पुरुष्कार से सम्मानित किआ गया| बिरला फाउंडेशन ने उनके आत्मकथा के लिए उन्हें सरस्वती पुरुष्कार से सम्मानित किआ गया | भारत सरकार द्वारा 1976 में साहित्य एवं सिक्षा के चेत्र में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया  गया, उनके जीवन का ये सबसे बरी ख्याति मणि जाती है|

अग्निपथ की रचना किसने की?(WHO WROTE AGNIPATH?):

अग्निपथ कविता की रचना श्री हरिवंस राय बच्चन ने की थी, उनके सुपुत्र श्री अमिताभ बच्चन ने जिस अग्निपथ पिक्चर में विजय दिनानाथ चौहान का किरदार निभाया था, उनके लिखे डाईलोग श्री सीनियर बच्चन ने लिखे थे|

हरिवंस राय बच्चन की मृत्यु कैसे हुई?(HOW HARIWANS RAY BACCHAN DIED?):

अपने कविताओ से सबका मन मोह लेने वाले इस छायावादी कवि ने 95 वर्ष की आयु में 18 जनवरी 2003 को मुंबई सहर से अपने प्राण को त्याग दिए और दुनिया से अलविदा कह गए| हर व्यक्ति जन्म लेता है और मर जाता है लेकिन विश्व में बहुत कम ही ऐसे लोग होते है जो अपना छाप संसार में छोर जाते है| इस छायावादी कवि श्री हरिवंस राय बच्चन उनमे से एक है| डाक्टरों का कहना था की सांस लेने में कठिनाई होने के कारण इनकी मृत्यु हो गई|

हरिवंस राय बच्चन की पत्नी कौन थी?(WHO IS THE WIFE OF HARIWANS RAY BACCHAN?):

BIOGRAPHY OF SRI HARIVANS RAI BACCHAN श्री हरिवंस राय बच्चन ने अपने जीवन में दो सदी की थी, उनकी पहली शादी बहुत जल्दी हो गई थी, जब वह मात्र 19वर्ष के थे| 1926 में  उनकी पहली शादी हुई उनकी पत्नी का नाम श्यामा  था, जिनकी उम्र 14 वर्ष थी| उन्हें टी.बी नमक बीमारी हो जाने के कारण वह काफी दिनों तक जीवित नहीं रह पाई और कुछ सालो बाद 1936 में जब वह 24 की थी उनकी मृत्यु हो गई| श्यामा से उन्हें कोई संतान नहीं थे|

उन्होंने दुसरी शादी एक पंजाबन से की जो रंगमंच में कार्य करती थी और संगीत से ताल्लुक रखती थी| 1941में तेजी बच्चन  नमक महिला से उन्होंने विवाह किया| उनसे उन्हें दो पुत्र मिली जिनमे से एक पुत्र का नाम अजिताभ बच्चन और दुसरे पुत्र का नाम अमिताभ बच्चन है| पहला पुत्र एक व्यापारी और दूसरा पुत्र एक अभिनेता हुआ| वह एक सोसल एक्टिविस्ट थे,2003 में उनकी मृयु हो गई| उनका पूरा नाम तेजवंत कौर सूरी था|

हरिवंस राय बच्चन का पूरा नाम क्या है?(WHAT IS THE FULL NAME OF HARIWANS RAY BACCHAN?):

BIOGRAPHY OF SRI HARIVANS RAI BACCHAN हरिवंस राय बच्चन का नाम हरिवंस श्रीवास्तव था| उनके पिता का नाम प्रताप नारायण श्रीवास्तव था और माता का नाम सरस्वती देवी थी| उनका पूरा नाम हरिवंस राय श्रीवास्तव था,लेकिन बच्चन उनके कलम का नाम था हरिवंस जी ने अपने उपनाम श्रीवास्तव के जगह पे बच्चन उपनाम का प्रयोग करने लगे, और यही नाम से वह प्रसिद्ध हुए| अतः आज भी हम उन्हें हरिवंस राय बच्चन के नाम से जानते है|

हरिवंस राय बच्चन की प्रसिद्ध कविता मधुशाला की कुछ पंक्तिया:

BIOGRAPHY OF SRI HARIVANS RAI BACCHAN श्री हरिवंस राय बच्चन ने अपने जीवन में बहुत से कविताओ की रचना की है उनमे से मधुशाला  उनके सबसे चर्चित कविताओ में से एक है उनके कुछ पंक्तिया ये है:

मृदु भावों के अंगूरों की आज बना लाया हाला,
प्रियतम, अपने ही हाथों से आज पिलाऊँगा प्याला,
पहले भोग लगा लूँ तेरा फिर प्रसाद जग पाएगा,
सबसे पहले तेरा स्वागत करती मेरी मधुशाला।।

प्यास तुझे तो, विश्व तपाकर पूर्ण निकालूँगा हाला,
एक पाँव से साकी बनकर नाचूँगा लेकर प्याला,
जीवन की मधुता तो तेरे ऊपर कब का वार चुका,
आज निछावर कर दूँगा मैं तुझ पर जग की मधुशाला।।

प्रियतम, तू मेरी हाला है, मैं तेरा प्यासा प्याला,
अपने को मुझमें भरकर तू बनता है पीनेवाला,
मैं तुझको छक छलका करता, मस्त मुझे पी तू होता,
एक दूसरे की हम दोनों आज परस्पर मधुशाला।।

भावुकता अंगूर लता से खींच कल्पना की हाला,
कवि साकी बनकर आया है भरकर कविता का प्याला,
कभी न कण-भर खाली होगा लाख पिएँ, दो लाख पिएँ!
पाठकगण हैं पीनेवाले, पुस्तक मेरी मधुशाला।।

मधुर भावनाओं की सुमधुर नित्य बनाता हूँ हाला,
भरता हूँ इस मधु से अपने अंतर का प्यासा प्याला,
उठा कल्पना के हाथों से स्वयं उसे पी जाता हूँ,
अपने ही में हूँ मैं साकी, पीनेवाला, मधुशाला।।

मदिरालय जाने को घर से चलता है पीनेवला,
‘किस पथ से जाऊँ?’ असमंजस में है वह भोलाभाला,
अलग-अलग पथ बतलाते सब पर मैं यह बतलाता हूँ –
‘राह पकड़ तू एक चला चल, पा जाएगा मधुशाला।।

चलने ही चलने में कितना जीवन, हाय, बिता डाला!
‘दूर अभी है’, पर, कहता है हर पथ बतलानेवाला,
हिम्मत है न बढूँ आगे को साहस है न फिरुँ पीछे,
किंकर्तव्यविमूढ़ मुझे कर दूर खड़ी है मधुशाला।।

मुख से तू अविरत कहता जा मधु, मदिरा, मादक हाला,
हाथों में अनुभव करता जा एक ललित कल्पित प्याला,
ध्यान किए जा मन में सुमधुर सुखकर, सुंदर साकी का,
और बढ़ा चल, पथिक, न तुझको दूर लगेगी मधुशाला।।

मदिरा पीने की अभिलाषा ही बन जाए जब हाला,
अधरों की आतुरता में ही जब आभासित हो प्याला,
बने ध्यान ही करते-करते जब साकी साकार, सखे,
रहे न हाला, प्याला, साकी, तुझे मिलेगी मधुशाला।।

सुन, कलकल़ , छलछल़ मधुघट से गिरती प्यालों में हाला,
सुन, रूनझुन रूनझुन चल वितरण करती मधु साकीबाला,
बस आ पहुंचे, दुर नहीं कुछ, चार कदम अब चलना है,
चहक रहे, सुन, पीनेवाले, महक रही, ले, मधुशाला।।

हरिवंस राय बच्चन कीअग्निपथ की कुछ पंक्तिया(HARIWANS RAY BACCHAN AGNIPATH):

BIOGRAPHY OF SRI HARIVANS RAI BACCHAN हरिवंस राय बच्चन ने अपने अग्निपथ की कविताओ से काफी नाम बटोरे थे,उनके सुपुत्र ने फिल्म अग्निपथ में उनके द्वारा लिखे कविताओ को फिल्म में प्रयोग किए थे उनके कविता के कुछ पंक्तिया:

                                                  वृक्ष हो भले खड़े,

                                                  हो घने,हो बढे,

                                                  एक पत्र छाह भी,

                                        मांग मत,मांग मत,मांग मत !

                                       अग्निपथ! अग्निपथ!अग्निपथ !!

                                              तू न थकेगा कभी,

                                              तू न थमेंगा कभी,

                                              तू न मुरेगा कभी !

                                   कर शपथ ! कर शपथ ! कर शपथ!

                                     अग्निपथ!अग्निपथ!अग्निपथ !!

                                            यह महान दृश्य है,

                                            चल रहा मनुष्य है,

                                           अश्रु, स्वेद, रक्त से,

                                         लथ-पथ, लथ-पथ, लथ-पथ,

                                        अग्निपथ! अग्निपथ! अग्निपथ!!

BIOGRAPHY OF SRI HARIVANS RAI BACCHAN se jure kuch antim shabd:

छायावादी कवि श्री बच्चन एक जाने माने कवि थे, उनके योगदान को भारत कभी नहीं भूल पाएगा| उन्होंने हिंदी लेखन के क्षेत्र में बहुत योगदान दिया है| हम अपने इस पोस्ट BIOGRAPHY OF SRI HARIVANS RAI BACCHAN IN HINDI (2021 में जानिए हरिवंस राय बच्चन की जीवन कथा हिंदी ) में हर एक छोटी से छोटी जानकारी देने की कोशिश की है,और पाठको को पूरी जानकारी देने की कोशिश की है ताकि पाठको को किसी दुसरे आर्टिकल या पोस्ट में जाने की जरुरत न परे|

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