UTKAL DIWAS QUOTES-IMAGE-MASEGES IN 2023 / उत्कल दिवस क्यों मनाया जाता है? जाने 2023 में

Join Telegram
Join whatsapp group Join Now
Join Telegram group Join Now

लेखक: मोनू शर्मा राय

उरीसा राज्य अपने प्रसिद्द जगन्नाथ मंदिर के लिए विश्व विख्यात है| हमलोग सभी को पता है की पूरी में उपस्थित जगन्नाथ मंदिर है जिसे दखने के लिए लोग दूर दूर से आते है| लेकिन उरीसा राज्य का एक इतिहास रहा है जिसे उत्कल दिवस भी कहा जाता है| आज हमलोग राजस्थान दिवस की तरह  UTKAL DIWAS QUOTES-IMAGE IN 2023 / उत्कल दिवस क्यों मनाया जाता है? जाने 2023 मे के बारे में जानेंगे| और इसकी पुराणी इतिहास को भी जानने की कोसिस करेंगे|

उत्कल दिवस:

भारतवर्ष  (India) में आज के दिन इतिहास के उन लोगों को याद किया जाता जिन्होंने ओडिशा को सफल बनाने और देश में ओड़िसा का योगदान देने के लिए बहुत लोगो ने अपना बलिदान दिया। इस दिन को उत्कल दिवस अथवा ओडिशा दिवस (Utkal Diwas or Odisha Day) के नाम से जाना जाता है। यह दिवस हर साल विश्व रंगमंच दिवस(WORLD THEATER DAY ) के 4 दिन बाद 1 अप्रेल को मनाया जाता है|
UTKAL DIWAS QUOTES-IMAGE-MASEGES IN 2021 / उत्कल दिवस क्यों मनाया जाता है? जाने 2021 में
उत्कल दिवस सिर्फ भारत में ही नहीं  जाता है बल्कि यह कई और दुसरे देशों में भी अन्य अन्य जगहों पर भी ओड़िसा के लोगो द्वारा मनाया जाता है|
इस दिन के मौके पर राज्यो में कई तरह के सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमो का आयोजन होता है| ओड़िसा दिवस की स्थापना 1 अप्रैल 1936 के दिन हुई थी| ओडिशा के लोगो के लिए यह दिन बेहद खास है, यह एक ऐतिहासिक पल है जो हमेसा के लिये भारत के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया|
ये भी पढ़े:

उत्कल दिवस की एतिहासिक जानकारी:

1 अप्रैल, 1936 में उड़ीसा (Orissa) को अलग राज्य के रूप में घोषित किया गया। यह घोषणा तत्कालीन अंग्रेजी सरकार द्वारा घोषित किया गया था|  इसी के उपलक्ष में उत्कल दिवस हर वर्ष 1 अप्रैल को ख़ुशी-ख़ुशी के साथ ओड़िसा के लोगो द्वरा मनाया जाता है।
1950 में उड़ीसा भारतवर्ष का संघटक राज्य बनाया गया। बाद में साल  2011 में उड़ीसा को ओडिशा (Orissa to Odisha)के नाम से संविधान में संशोधन कर इस राज्य का नाम ओडिशा रखा गया,साथ ही साथ ओरिया भाषा को भी ओडिया (Oriya to Odia) नाम में बदल दिया गया।
ओडिशा को एक अलग रज्य बनाने में कई महान लोगो का हाथ है,इसमें  उत्कल गौरव मधुसुदन दास, उत्कलमणि गोपबंधु दास, महाराजा श्री रामचंद्र भंजदियो, महाराजा श्री कृष्ण चन्द्र गजपति, रजा बैकुंठनाथ डे, फ़क़ीर मोहन सेनापति, गंगाधर मेहर और गौरीशंकर रे जी आदि लोगो के अनगिनत  प्रयासों के द्वरा ओडिशा एक सुन्दर भाषाओं और परम्पराओं का राज्य बन पाया।
UTKAL DIWAS QUOTES-IMAGE-MASEGES IN 2021 / उत्कल दिवस क्यों मनाया जाता है? जाने 2021 में

ओडिशा राज्य के कुछ रोचक तथ्य:

हमारे प्राचीन काल के इतिहास में ओडिशा राज्य ,कलिंग राज्य की राजधानी था, जिसके कारण आज भी ओडिशा को कलिंग राज्य के नाम से भी जाना जाता है।
सम्राट अशोक ने कलिंग राज्य में ज्यादा दिन तक राज नहीं कर पाए थे । इस राज्य में  कई सालों तक मौर्य साम्राज्य ने कलिंग राज्य पर शाशन किया।
कलिंग साम्राज्य का धीरे-धीरे पतन होते समय बहुत सारे हिन्दू राजवंश के राजागन  ओडिशा में उभरे, उन्होंने ओडिशा के कई स्थानों जैसे पूरी, भुबनेश्वर, और कोणार्क आदि में कई सुन्दर और भव्य मंदिरों का निर्माण करवाया।
ओडिशा में काफी लम्बे वक्त तक मुसलमानों के विरोध के बाद सन 1568 में अफगानों ने आक्रमण कर मुग़लों को इस राज्य से खदेरा। मुगलों के खत्म होने के बाद ओडिशा में बंगाल के नवाबों और मराठों का उदय हुआ और इन दोनों के बिच दो भाग में ओडिशा बंट गया। वर्ष 1803 में उड़ीसा राज्य पर ब्रिटिश सरकार ने अपना कब्ज़ा कर लिया।
UTKAL DIWAS QUOTES-IMAGE-MASEGES IN 2021 / उत्कल दिवस क्यों मनाया जाता है? जाने 2021 में

ओडिशा या उत्कल दिवस की दिन मनया जाता है:

ओड़िसा दिवस की स्थापना 1 अप्रैल 1936 के दिन हुई थी| ओडिशा के लोगो के लिए यह दिन बेहद खास है, यह एक ऐतिहासिक पल है जो हमेसा के लिये भारत के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया|
1 अप्रैल, 1936 में उड़ीसा (Orissa) को अलग राज्य के रूप में घोषित किया गया। यह घोषणा तत्कालीन अंग्रेजी सरकार द्वारा घोषित किया गया था|  इसी के उपलक्ष में उत्कल दिवस हर वर्ष 1 अप्रैल को ख़ुशी-ख़ुशी के साथ ओड़िसा के लोगो द्वरा मनाया जाता है।

ओडिशा राज्य के कुछ तथ्य:

ओडिशा 28 राज्यों में से एक है, जो भारत की पूर्वी भागो से लागता  है। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर है। 1 अप्रैल 1936 को समकालीन राज्य का गठन किया गया था। 1948 तक कटक ने ओडिशा की राजधानी के रूप में काम किया और फिर मंदिरो के शहर भुवनेश्वर में रजधानी को स्थानांतरित कर दिया गया। इस राज्य में 30 जिले है जो है:
1.Angul अंगुल 2.Balangir बलांगीर 3.Bargarh बरगढ़ 4.Deogarh देओगढ़5.Dhenkanal ढेंकानाल6.Jharsuguda झारसुगुड़ा7.Kendujhar केंदुझर8.Sambalpur संबलपुर9.Subarnapur सुबर्णपुर10.Sundargarh सुंदरगढ़11.Balasore बलासोर12.Bhadrak भद्रक13.Cuttack कटक14.Jagatsinghpur जगतसिंघपुर15.Jajpur जाजपुर16.Kendrapada केंद्रपडा17.Khordha खोर्दा 18.Mayurbhanj मयुरभंज19.Nayagarh नयागढ़20.Puri पूरी 21.Boudh बौध22.Gajapati गजपति23.Ganjam गंजाम24.Kalahandi कालाहांडी25.Kandhamal कंधमाल26.Koraput कोरापुट27.Malkangiri मलकानगिरी28.Nabrangpur नबरंगपुर29.Nuapada नुआपड़ा30.Rayagada रायगडा
UTKAL DIWAS QUOTES-IMAGE-MASEGES IN 2021 / उत्कल दिवस क्यों मनाया जाता है? जाने 2021 में

ओडिशा दिवस का महत्व(IMORTANCE OF ODISA DAY):

1 अप्रैल को हर वर्ष उत्कल दिवस /ओडिशा दिवस को मनाया जाता है| इस दिवस को अच्छे तरह मनाने के लिए अनेक प्रकार के सांस्कृतिक आयोजन राज्य के कई बड़े और छोटे शहरों में आयोजित किये जाते हैं। इस दिन को ओडिशा में छुट्टी का दिन होता है।
कई जगह में सांस्कृतिक विषयों पर प्रतियोगिताएं और खेल का भी आयोजन किए जाते है, जिनमे बच्चों से ले कर बड़े तक भाग लेते हैं। रात के समय कई प्रकार के शास्त्रीय संगीत और ओडिशा के गरिमा को दर्शाते हुए नृत्य और गीत जैसे समहरोह का आयोजन भी आयोजित किए जाते हैं।

लक्ष्मीकांत महापात्र द्वरा लिखा गया-बन्दे उत्कल जननी गीत:

ओडिया भाषा में बन्दे उत्कल जननी गीत

ବନ୍ଦେ ଉତ୍କଳ ଜନନୀ,

ଚାରୁ ହାସମୟୀ ଚାରୁ ଭାଷମୟୀ,

ଜନନୀ, ଜନନୀ, ଜନନୀ

ପୂତପୟୋଧିବିଧୌତଶରୀରା,

ତାଳତମାଳସୁଶୋଭିତତୀରା,

ଶୁଭ୍ର ତଟିନୀକୂଳଶୀକରସମୀରା,

ଜନନୀ, ଜନନୀ, ଜନନୀ

ଘନ ଘନ ବନଭୂମି ରାଜିତ ଅଙ୍ଗେ,

ନୀଳ ଭୂଧରମାଳା ସାଜେ ତରଙ୍ଗେ,

କଳ କଳ ମୁଖରିତ ଚାରୁ ବିହଙ୍ଗେ,

ଜନନୀ, ଜନନୀ, ଜନନୀ

ସୁନ୍ଦର ଶାଳୀସୁଶୋଭିତକ୍ଷେତ୍ରା,

ଜ୍ଞାନବିଜ୍ଞାନପ୍ରଦର୍ଶିତନେତ୍ରା,

ଯୋଗୀଋଷିଗଣଊଟଜପବିତ୍ରା,

ଜନନୀ, ଜନନୀ, ଜନନୀ

ସୁନ୍ଦର ମନ୍ଦିର ମଣ୍ଡିତଦେଶା,

ଚାରୁକଳାବଳୀଶୋଭିତବେଶା,

ପୁଣ୍ୟ ତୀର୍ଥାଚୟପୂର୍ଣ୍ଣପ୍ରଦେଶା,

ଜନନୀ, ଜନନୀ, ଜନନୀ

ଉତ୍କଳ ଶୂରବରଦର୍ପିତଗେହା,

ଅରିକୁଳଶୋଣିତଚର୍ଚ୍ଚିତଦେହା,

ବିଶ୍ବଭୂମଣ୍ଡଳକୃତବରସ୍ନେହା,

ଜନନୀ, ଜନନୀ, ଜନନୀ

କବିକୁଳମୌଳି ସୁନନ୍ଦନବନ୍ଦ୍ୟା,

ଭୁବନ ବିଘୋଷିତକୀର୍ତ୍ତି ଅନିନ୍ଦ୍ୟା,

ଧନ୍ୟେ, ପୁଣ୍ୟେ, ଚିରଶରଣ୍ୟେ,

ଜନନୀ, ଜନନୀ, ଜନନୀ

हिंदी भाषा में बन्दे उत्कल जननी गीत

बन्दे उत्कळ जननी,

चारु हासमयी चारु भाषमयी,

जननी, जननी, जननी॥

 

पूत-पयोधि-बिधौत-शरीरा,

ताळतमाळ-सुशोभित-तीरा,

शुभ्र तटिनीकूळ-शीकर-समीरा,

जननी, जननी, जननी॥

 

घन घन बनभूमि राजित अंगे,

नीळ भूधरमाळा साजे तरंगे,

कळ कळ मुखरित चारु बिहंगे,

जननी, जननी, जननी॥

 

सुन्दर शाळी-सुशोभित-क्षेत्रा,

ज्ञानबिज्ञान-प्रदर्शित-नेत्रा,

योगीऋषिगण-ऊटज-पबित्रा,

जननी, जननी, जननी॥

 

सुन्दर मन्दिर मण्डित-देशा,

चारुकळाबळी-शोभित-बेशा,

पुण्य तीर्थाचय-पूर्ण्ण-प्रदेशा,

जननी, जननी, जननी॥

 

उत्कळ शूरबर-दर्पित-गेहा,

अरिकुळ-शोणित-चर्च्चित-देहा,

बिश्बभूमण्डळ-कृतबर-स्नेहा,

जननी, जननी, जननी॥

 

कबिकुळमौळि सुनन्दन-बन्द्या,

भुबन बिघोषित-कीर्त्ति अनिन्द्या,

धन्ये, पुण्ये, चिरशरण्ये,

जननी, जननी, जननी॥

उत्कल दिवस के अवसर पर कुछ कोट्स अंग्रेजी और हिंदी में(UTKAL DIWAS QUOTES ON HINDI AND ENGLISH):

आइए आज ओडिशा स्थापना दिवस के मौके पर हमारे द्वारा UTKAL DIWAS QUOTES-IMAGE IN 2021 की पोस्ट में दिए गए ओडिशा स्थापना दिवस के अवसर पर स्लोगन, शुभकामनाएं,सन्देश और विचारो,को अपने लोगो और साथियों के साथ में शेयर और बधाई दे ओडिशा स्थापना दिवस की| उत्कल दिवस की सुभकामनाए वाट्सऐप एवं फेसबुक और इंस्टाग्राम पर शेयर करे |
उत्कल दिवस के इस मौके पर ओडिशा के सतत विकास की कामना करते हुये कहा, ‘‘ओडिशा के अपने भाई बहनों को शुभकामनायें देता हूं। प्रार्थना करता हूं कि आने वाले समय में ओडिशा का सतत विकास और समृद्धि जारी रहे. – PM नरेन्द्र मोदी”
“ओडिशा की आधुनिक सीमाओं को ब्रिटिश भारत सरकार द्वारा सीमांकित किया गया था जब 1 अप्रैल 1936 को बिहार और उड़ीसा प्रांत के ओडिया भाषी जिलों को मिलाकर उड़ीसा प्रांत की स्थापना की गई थी। पहली अप्रैल को उत्कल दिबा … के रूप में मनाया जाता है।”
(“The modern boundaries of Odisha were demarcated by the British Indian government when Orissa Province was established on 1 April 1936, consisting of the Odia-speaking districts of Bihar and Orissa Province. The first of April is celebrated as Utkala Dibasa” )
UTKAL DIWAS QUOTES-IMAGE-MASEGES IN 2021 / उत्कल दिवस क्यों मनाया जाता है? जाने 2021 में
“ओडिशा के पहले सीएम ‘उत्कल केशरी’ हरेकृष्णा महताब को उनकी पुण्यतिथि पर याद करें। वह भारत के साथ रियासतों के एकीकरण में एक प्रमुख व्यक्ति थे। उन्हें ओडिया साहित्य में उनके समृद्ध योगदान के लिए भी याद किया जाएगा। उनकी विनम्र श्रद्धांजलि। उन्हें”
(“Remember the first CM of Odisha ‘Utkala Keshari’ Harekrushna Mahatab, on his death anniversary. He was one of the key figures in the integration of princely states with India. He will also be remembered for his rich contributions to Odia literature. Humble tributes to HIM”)
“उत्कल दिवस के अवसर पर ओडिशा के प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई देता हूं।देश के इतिहास में इस प्रदेश का योगदान उल्लेखनीय है।नए भारत के निर्माण में भी आपका महत्वपूर्ण योगदान अपेक्षित है।आपकी भावी सफलताओं के लिए मेरी शुभकामनाएं। आपका जीवन स्वस्थ और खुशहाल हो।. उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू”
(“I heartily congratulate the people of Odisha on the occasion of Utkal Day. The contribution of this state in the history of the country is remarkable. Your significant contribution is also expected in the creation of new India. My best wishes for your future successes. May your life be healthy.” And be happy .. Vice President M Venkaiah Naidu)
राज्य के प्रत्येक नागरिक को इस ओडिशा दिवस पर आना चाहिए
और उनकी इच्छाओं, तारीफों और एक-दूसरे को शुभकामनाएं देना चाहिए
ताकि सभी के लिए एक विशेष और खुशहाल दिन हो सके।
(Every citizen of the state should come on this Odisha day
And their wishes, compliments and best wishes to each other
So that it can be a special and happy day for all.)

अंतिम शब्द:

इस लेख में आपको UTKAL DIWAS QUOTES-IMAGE-MASEGES IN 2023 / उत्कल दिवस क्यों मनाया जाता है? जाने 2021 की पूरी जानकारी देने की कोसिस की है जिससे हमारे पाठको को पूरी जानकारी मिलेगी और उन्हें किसी अर्तिक्ल में जाने की जरुरत नहीं परेगी|

अगर आपको हमारा यह पोस्ट अच्छा लगा तो कृपया इसे facebook,instagram twiter linkdin whatsapp में शेयर जरुर करे एवं यदि आप किसी प्रकार का सुझाव हमें देना चाहते है तो हमे कमेन्ट बॉक्स में कमेन्ट जरुर करे |

यदि आप hindimetrnd.in के साथ जुरना चाहते है तो कृपया हमारे फेसबुक पेज को लाइक करना न भूले hindimetrnd/facebookpage 

Join whatsapp group Join Now
Join Telegram group Join Now

Leave a Comment