लेखक: गुड्डू राय
यूँ तो हमलोग महिला दिवस के दिन को बरी खुशी से मानते है, लेकिन वो कहते है ना हर चीज की कीमत होती है,हर ख़ुशी के पहले हमें गम का सामना करना परता है| हम अगर अपने इतिहास में देखे तो हमें इस बात का उत्तर मिल जाएगा की ये खुसी और समनता का दिन जिसमे हम अपने घर के ओरतो के साथ दुनिया के सभी ओरतो को इज्जत और सम्मान देने की बात करते है,उनकी शुरुवात एक संघर्ष और आन्दोलन के साथ हुई थी,जिसे हम आज पढेंगे| आज हमलोग HISTORY OF 8th MARCH ON WOMEN’S DAY IN HINDI?(जानना चाहते है 8 मार्च के महिला दिवस का इतिहास?) के बारे में जानेंगे,इसकी सुरुवाती बिंदु से अंत तक सभी जानकारी को जानेंगे|
महिला दिवस कब शुरू हुई?(WHEN WAS WOMEN’S DAY STARTED?):
कभी कभी हमारे मन में एसा सवाल उठता है,की आखिर एसी क्या बात ही गई जो अंतराष्ट्रिय स्टार पर महिलाओ के सम्मान के लिए एक अलग दिन घोषित करना परा| क्या सिर्फ उनके सम्मान के लिए ये दिन घोषित किय गया था? या उनके पीछे छिपी थी कोई जद्दो जहद जिसे दूर करने के लिए महिलाओ ने आन्दोलन का सहारा लिया|
अंतराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुवात न्यू यॉर्क सहर से हुई| वह की महिलाओं को समन्ता का अधिकार प्राप्त नहीं था,उनके साथ भेद भाव किया जाता था| उन्हें काम पर तो रख लिया जाता था पर उन्हें उचित वेतन और अधिकार नहीं दिया जाता था,जो पुरुषो को प्राप्त था| उन्होंने सरकार से ये मांग शुरू किया की उन्हें कम घंटे काम की अनुमती दे| इनके साथ ही महिलाओ की एक और मांग थी की उन्हें उनके काम के बदले बेहतर वेतन दिया जाए और मतदान की अनुमति भी दी जाए| दरअसल ,अहिला दिवस एक मजदुर आन्दोलन से उपजा एक दिवा है जिसकी शुरुवात 1908 में हुई थी|
धीरे धीरे यह आन्दोलन जोर पकरता गया और पुरे विश्व में आग की तरह छा गया|करीबन एक वर्ष के शंघर्ष के बाद अमेरिका की सोशलिस्ट पार्टी द्वारा पहला राष्ट्रिय महिला दिवस घोषित कर दिया गया|
महिला इवास को ग्लोबल बनाने का आईडिया कहा से आया?(WHERE IS THEIS IDEA COME FROM TO GLOBALISE WOMEN’S DAY?)
महिला दिवस को अंतराष्ट्रीय बनाने का श्री भी एक महिला को जाता है|उस महिला का नाम क्लारा जेकटिन था|उसने कोपेनेहमन में कामकाजी महिलाओ की एक अंतराष्ट्रीय कोंफ्रेंक का आयोजन 1910 में किया,और उसी कोंफ्रेंस मयूसने इस दिन को अंतराष्ट्रिय महिला दिवस के रूप में मनाने का सुझाव रखा| जिस वक्त कोंफ्रेंस का आयोजन किया गया,उस वक्त कोफ्रेंस में 100 से भी ज्यादा महिलाए मौजूद थी,जो 17 से भी ज्यादा देसों का प्रतिनिधित्व कर रही थी| सभी महिलाओ ने इस सुझाव को हामी भर दी|
सर्वप्रथम साल 1911 में स्वित्ज़रलैंड,जर्मनी.डेनमार्क और आस्ट्रिया में अंतराष्ट्रिय महिला दिवश मनाया गया था|हालाँकि यह 110 वा अंतराष्ट्रीय महिला दिवस कहा जाएगा,लेकिन तकनिकी तौर पर इस वर्ष 109 वा अंतराष्ट्रिय महिला दिवस मन रहे है|
1975में महिला दिवस को अधिकारिक मान्यता दी गई और यह मान्यता उस वक्त दी गई जब विस्व युद्ध की समाप्ति हो चुकी थी और संयुक्त राष्ट्र संघ का जन्म हुआ था| संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा इस दिन को मनाया गया और अधिकारिक रूप से 8 मार्च को यह दिन को स्वीकृति मिल गई| संयुक्त राष्ट्रसंघ ने इस दिवस को थीम के साथ मनाना शुरू किया| इस अंतराष्ट्रिय महिला दिवस की पहली थीम थी:”सेलिब्रिटीन्ग द पास्ट प्लानिंग फॉर द फ्यूचर(CELEBRATING THE PAST,PLANNING FOR THE FEUTURE)”
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अंतराष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को क्यों रखा गया?(WHY 8TH MARCH DECLARE AS INTERNATIONAL WOMEN’S DAY?)
प्रसिद्ध जर्मन सोशल एक्टिविस्ट क्लारा जेक्टिन जिन्होंने इस दिवस को अंतराष्ट्रीय बनाने का सुझाव दिया था,उन्होंने महिला दिवस को मनाने के लिए कोई तारीख नहीं बताई थी| उन्ही के बदौलत INTERNATIONAL SOCIALIST CONGRESS ने साल 1910 में महिला दिवस को अंतराष्ट्रिय स्वरूप और इस दिन को पब्लिक हॉलिडे घोषित किया|
1917 में जब रसिया में जब युद्ध चल रहा था,उस दौरान रूस की महिलाओ ने खाना और शांति(BREAD AND PEACE) की मांग की थी| रूस की महिलाओ की इस मांग ने वहां के सम्राट ,निकोलस थे,उनके पद को छोरने के लिए मजबूर कर दिया और महिलाओं की हरताल के आगे झुककर वहां की नत्रिम सरकार ने महिलाओ को मतदान देने का अधिकार दे दिया|
फरवरी की 23 तारीख को महिलाओ ने यह हरताल शुरू की थी,उस समय रुष में जिस कैलेंडर का उपयोग होता था उस कैलेंडर का नाम जुलियन कलेंडर था| ग्रेगेरियन कलेंडर में यह दिन 8 मार्च था| और उसी दिन के बाद से 8 मार्च को अंतराष्ट्रिय महिला दिवस मनाया जाता लगा | ओपचारिक रूप से मान्यता वर्ष 1975 में उस समय मिली जब संयुक्त राष्ट्र संघ ने इसे मनाना शुरू किया|
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस कैसे मनाया जाता है?(HOW INTERNATIONAL WOMENS DAY IS CELEBRATED)
दुनियाभर के कई देशो में 8 मार्च को रास्ट्रीय घोषणा की जाती है | रूस और दुसरे कुछ ऐसे देश है जहाँ इस दिन फूलों की कीमत बहुत बढ़ जाती है क्योकि इस दिन पुरुष और महिला एक दुसरे को फूल उपहार के रूप में देते है|
अमेरिका में मार्च का महिना ”विमेंस हिस्ट्री मंथ” के तौर पर मनाया जाता है और चीन में इस दिन कम करने वाली महिलाओ को दफ्तरों से आधे दिन की छुट्टी दी जाती है | दुनिया के हर देश में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस अलग – अलग अंदाज़ में मनाया जाता है |
1. दुनिया के कई और देशो के साथ नेपाल , जान्जिया, चीन , कम्बोडिया और रूस जेसे देशो में इस दिन अवकाश रहता है |
2. इटली की राजधानी रोम में महिलाओ की इस दिन मिमोसा (छुईमुई) के फुल देने का रिवाज है |
3. बहुत से देशो में अंतररास्ट्रीय महिला दिवस पर बच्चे अपनी माँ को तोहफा (गिफ्ट) देते है |
अंतररास्ट्रीय महिला दिवस की थीम (THEME OF INTERNATIONAL WOMENS DAY )
1975 में महिला दिवस को संयुक्त राष्ट्र संघ ने अधिकारिक रूप से मान्यता दी और महिला दिवस मनाया | इस दिन को वार्षिक तौर पर एक थीम के साथ मानना शुरू किया |इस अंतररास्ट्रीय महिला दिवस दिवस की सबसे पहली थीम थी -”सेलेब्रटिंग द पास्ट प्लानिंग फॉर फ्यूचर ”(CELEBRATING THE PAST ,PLANNING THE FUTURE)
वर्ष(YEAR)
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थीम (THEME)
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1996
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अतीत का जश्न,भविष्य के लिए योजना
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1997
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महिलाओ और सन्ति तालिका
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1998
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महिला और मानवाधिकार
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1999
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महिलाओ के खिलाफ हिंसा से मुक्त विश्व
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2000
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शान्ति के किये एकजुट महिलाए
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2001
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महिला और शांति:महिला का संघर्ष प्रबंधन
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2002
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आज की अफगान महिला: वास्तविकता और अवसर
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2003
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लिंग समानता और सहस्त्राब्दी विकास लक्ष्य
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2004
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महिला और एचआइवी /एड्स
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2005
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2005 के आगे लिंग समानता: अधिक सुरक्षित भविष्य का निर्माण
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2006
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निर्णय लेने में महिलाए
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2007
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महिलाओ और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को समाप्त करना
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2008
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महिला और लड़कियों में निवेश
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2009
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महिलाओ और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने के लिए महिला और पुरुष एकजुट
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2010
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सामान अधिकार,सामान अवसर:सभी के लिए प्रगति
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2011
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शिक्षा,प्रसिक्षण एवं विज्ञान और प्रोधोगिकी की सामान पहुँच: महिलाओ के बेहतरी का मार्ग
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2012
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ग्रामीण महिलाओ को सशक्त बनाना,गरीबी और भुखमरी का अंत
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2013
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वचन देना,एक वचन है:महिलाओ के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने के लिए कार्यवाही का समय
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2014
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महिलाओ के लिए समानता,सभी के लिए प्रगति है|
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2015
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महिला ससक्तिकरण,ही मानवता ससक्तिकरण :इसे कल्पना कीजिये
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2016
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2030 तक गृह में सभी 50-50 लैंगिक समानता के लिए आगे आये
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2017
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कार्य की बदलती दुनिया में महिलाए
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2018
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अब समय है: महिलाओ और महिलाओ के जीवन को बदलने वाले ग्रामीण और शहरी, कार्यकर्ता अब है: ग्रामीण ओर शहरी कार्यकर्ता महिलाओ के जीवन को बदल रहे है|
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2019
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सामान सोचे बिल्ड स्मार्ट बदलाव के लिए नया करे
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2020
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मैं जेनेरेसन इक्वलिटी : महिलाओ के अधिकारों को महसूस कर रही हूँ
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2021
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WOMENS IN LEADERSHIP- ACHIEVING AND EQUAL FUTURE IN A COVID-19 WORLD (महिला नेत्रत्व COVID-19 की दुनिया में एक सामान भविष्य को प्राप्त करना)
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अंतररास्ट्रीय महिला दिवस के कुछ अनमोल वचन (SOME VALUABLE LINES OF INTERNATIONAL WOMENS DAY)
महिला दिवस हमारे देश के साथ पूरी दुनिया में धूमधाम से मनाया जाता है, हालाँकि इसकी शुरुआत संघर्षपूर्ण तरीके से हुई थी | पुरे विश्व में नारी जाति को अवहेलना के रूप में देखा जाता है | अतः महिला दिवस के दिन के बारे में कई महान पुरुषो ने अपने वचनों के द्वारा अपना सहयोग दिया है | अंतररास्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य पर कुछ अनमोल वचन –
1.कोई भी राष्ट्र उन्नत्ति के सिखर पर नहीं पहुँच सकता जब तक कि उस राष्ट्र में महिलाओ को सामान अधिकार प्राप्त न हो- मोह्हमद अली जिन्ना
2.किसी भी समाज की उन्नत्ति उस समाज की औरतों की उन्नत्ति से मापी जा सकती है|- बी.आर.अम्बेडकर
3.आदमी अपनी नियति को सम्भाल नहीं सकते है उनके लिए यह कार्य उनके जीवन से जुडी औरत करती है – ग्रुशो मार्क्स
4.किसी भी सभ्यता को आकलन औरतों के व्यवहार से किया जा सकता है – राल्फ वाल्डो एमर्सन
5.जब एक आदमी औरत से प्यार करता है उसे अपनी जिन्दगी का एक हिस्सा देता है लेकिन जब एक औरत प्यार करती है तो अपना सब कुछ दे देती है – आस्कर वाइल्ड
6.नारी प्रेम करने के लिए है , समझने की वस्तु नहीं है – आस्कर वाइल्ड
अंतररास्ट्रीय महिला दिवस के नारे
बेटी -बहु कभी माँ बनकर ,
सबके ही सुख-दुःख को सहकर ,
अपने सब फर्ज निभाती है,
तभी तो नारी कहलाती है |
क्यों त्याग करे नारी केवल
क्यों नर दिखलाये झूठा बल
नारी जो जिद पर आ जाए
अबला से चंडी बन जाए
उसपर न करो कोई अत्याचार
तो सुखी रहेगा घर परिवार |
इस तरह मेरे
गुनाहों को वो धो देती है
माँ बहुत गुस्से
में होती है तो रो देती है
बित जाती है उम्र सारी
पर कभी आराम नहीं करती नारी |
एक आदमी को पढाओगे तो
एक ही व्यक्ति शिक्षित होगा
लेकिन एक स्त्री को पढ़ाओगे तो
पूरा परिवार शिक्षित होगा|
नारियां नहीं कभी बेचारी
नारियों में निहित है शक्ति सारी |
महिला दिवस के उद्देश्य
भारत में यूँ तो महिलाओ के साथ कई तरह के भेदभाव किये जाते है चाहे वह काम काज के लिए हो या फिर घर के सभी जगहों पर लडकियों और औरतों को भेदभाव का सामना करना पड़ता है | यह समस्या आज से नही बल्कि दशको से चली आ रही है | इस दिन की शुरुआत मजदूर आन्दोलन के रूप में हुई थी जो धीरे धीरे अपने पांव को पसारते हुए पुरे विश्व में फ़ैल गया और महिला दिवस की उत्पत्ति हुई| हालाँकि इस आन्दोलन में भी महिलाओ के जरूरतों को उजागर करने के लिए आन्दोलन की शुरुआत हुई थी |
अमेरिका में महिलाओ को वोट देने का अधिकार नहीं था और उनके कम के साथ भेदभाव किया जाता था | उन्हें उचित वेतन नहीं मिलता था जबकि रसिया में उस वक़्त युद्ध चल रहा था और वह के महिलाओ ने ”खाना और शांति” (BREAD AND PEACE) का नारा देते हुए आन्दोलन की शुरुआत की | इसी प्रकार इस विशेष दिन का गठन हुआ और संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी इसे सम्मानित किया |
अंतररास्ट्रीय महिला दिवस 2021 में कैसे मनाया जाएगा
यूँ तो पुरे विश्व में महिला दिवस अलग अलग तरह से मनाया जाता है | कही छुईमुई के पोधो का फूल देकर तो कही गिफ्ट देकर | कोई देश अपने सारे ऑफिस के कर्मचारी को पुरे दिन की छुट्टी प्रदान करते है तो कई देश इस दिन आधे दिन का अवकाश सरकार द्वारा दिया जाता है |
भारत में हम इस दिन को स्पेशल बनाने के लिए अपने माँ ,पत्नी ,बहन और जितनी भी प्यारी औरते जिनकी हम इज्जत करते है उन्हें फूल देकर उनकी इज्जत बढ़ाते है और कई लोग अलग अलग तरह के गिफ्ट भी देते है | हालाँकि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी महिला दिवस इसी तरह मनाया जाएगा |
महिला दिवस पर स्पीच
नारी यह केवल एक शब्द नहीं है बल्कि एक सम्मान तुल्य शब्द है | हमेशा से औरतों को देवी के रूप में हमारे पूर्वजो द्वारा दर्शाया गया है | जब भी घर में कभी किसी लड़की का जन्म होता है तो लोग कहते है कि बधाई हो लक्ष्मी ने जन्म लिया है | वही अगर घर में किसी पर मुसीबत आती है तो घर की औरते अपना खाना पीना छोड़ उनकी सेवा में लग जाती है इससे उनके दयालुपन का प्रमाण मिलता है |
हम माँ दुर्गा , माँ काली , माता लक्ष्मी आदि संकड़ो नाम है जिन्हें हम देवी के रूप में पूजते है और सभी नारी का ही रूप है | नारी अगर अपने पर आ जाए तो सावित्री की तरह अपने मरे हुए पति को भी अपनी उपासना से जिन्दा कर सकती है और काली की तरह रूद्र रूप को धारण कर सर्वनाश भी कर सकती है |
भारत के साथ पुरे विश्व में महिला दिवस 8 मार्च को मनाया जायेगा | हमारा कर्त्तव्य है की हम भी इस दिवस का पालन अपने मन से करे | लोग घरो में औरतों के साथ आज भी भेदभाव करते है उन्हें हीन द्रिस्टी से देखा जाता है , उन्हें कमजोर समझा जाता है परन्तु नारी जितनी दयालु की माता है उतनी ही पत्थर के जेसी शक्त | हमारे देश की नारी जैसे -श्रीमती लता मंगेशकर ,सरोजिनी नायडू ,कल्पना चावला , मैरी कोम ,सानिया मिर्ज़ा ,साइना नेहवाल,गीता कुमारी इत्यादि सैकडो औरते है जिन्होंने हमारे देश का नाम पुरे विश्व पटल पे विख्यात किया है ,सोचिये अगर उनके साथ उनके घर वाले भेदभाव करते और आगे बढ़ने से रोकते तो क्या आज ये सभी औरते इस मुकाम तक पहुँच पाती | अतः हमें भी श्रध्दा के साथ इस दिन को याद करना चाहिए |
महिला दिवस के उपलक्ष्य को ध्यान में रखते हुए कुछ फिल्मे:
हमारे देश में कई अच्छे अच्छे फिल्मो का निर्देशन हुआ है जो हमें हमेशा याद रहेगी | नारी शक्ति को दर्शाने हेतु बहुत सी फिल्मो का निर्देशन किया गया है जिसमे से कुछ नाम निचे दिए गए है ,जो नारी शक्ति को दर्शाते है –
1.ब्लैक (BLACK 2005) 2.वाटर(WATER 20056) 3. द नेमसेक(THE NAMESAKE 2007) 4.फैशन (FASHION 2008) 5.द गर्ल इन येल्लो बूट्स ( THE GIRL IN YELLOW BOOTS 2011) 6.कहानी (KAHANI 2012)7.इंग्लिश विन्ग्लिश (ENGLISH WINGLISH 2012) 8.हेरोइन (HEROIN 2012) 9.क्वीन (QUEEN 2014) 10.मैरी कोम (MARRY KOM)
तो ये थी HISTORY OF 8th MARCH ON WOMEN’S DAY IN HINDI?(जानना चाहते है 8 मार्च के महिला दिवस का इतिहास?) जिसमे हमलोग ने महिला दिवस की पूरी कहानी को अपने पाठको के लिए लिखी है जिसमे हमारे पाठको को पूरी जानकारी मिलेगी और पाठको को कसी दुसरे आर्टिकल में जाने की जरुरत नहीं परेगी|
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