SCIENCE DAY 2023 में जाने विज्ञान दिवस का थीम क्या है? इसे कब और क्यों मानया जाता है?| THEME OF SCIENCE DAY IN 2023| HISTORY OF SCEIENCE DAY IN INDIA

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लेखल: गुड्डू राय

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस/SCIENCE DAY कब और क्यों मानया जाता है?

28 फरवरी 1928 को भारतीय इतिहास के  महान दिनों में से एक है|  इस दिन वैज्ञानिक  सी.वी.रमण द्वारा विशेस आविष्कार रमण प्रभाव(RAMAN EFFECT) का आविष्कार किया गया था | वे भारत के महान वैज्ञानिकों में से एक माने जाते है | उन्हें इस अविष्कार के लिए नावेल पुरष्कार से सम्मानित किया गया था | ऐसा करने वाले वह भारत में ही नहीं  बल्कि पुरे एशिया में नावेल पुरस्कार पाने वाले प्रथम व्यक्ति  बने |वे एक तमिल ब्राह्मण थे |  वे भारत के पहले व्यक्ति थे  जिन्होंने भारत में किसी तरह का शोधकार्य किया था |  सन 1907से 1933 तक इन्होने इंडियन  एसोसिएशन ऑफ़ द कल्टीवेशन ऑफ़ साइंस , वेस्ट बंगाल (indian association of the cultivation of science ,west bengal) में काम किया |  इस दौरान उन्होंने कई तरह के शोध किये जिसमे सबसे प्रमुख रमण प्रभाव (raman effect) है |  रमण  प्रभाव (raman effect )  की खोज करने के लिए इन्हें  सन  1930 में नावेल पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया था | डॉ. सी. वी. रमण के इन प्रयासों को हम भविष्य में याद रखे और हमारे देश के नौजवान इनसे प्रेरित होते रहे और भारत को नयी ऊंचाई तक ले जाने में अपने योगदान दे ,इसलिए  1986 को कौंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी (council for science and technology)  द्वारा 28 फरवरी को विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है |

 

2021 में जाने विज्ञान दिवस का theme क्या है? इसे कब और क्यों मानया जाता है?(THEME OF SCIENCE DAY IN 2021,HISTORY OF SCEIENCE DAY IN INDIA)

 

2022 में रास्ट्रीय विज्ञान दिवस की थीम क्या है ?(WHAT IS THE THEME OF SCIENCE DAY IN 2022?) 

भारत सरकार द्वारा हर वर्ष रास्ट्रीय विज्ञानं दिवस मनाने के लिए  अलग-अलग  थीम रखी जाती है जो हमेंप्रेरित करती है विज्ञानं के तरफ दिलचस्पी बढ़ाने के लिए| भारत सरकार द्वारा विज्ञान के प्रति जागरुकता बढाने के लिए समय-समय पर कई तरह के THEME का आयोजन किआ गया है| 
इसमें से कुछ theme इस तरह से है:
 
 

वर्ष(YEAR)

थीम (THEME)

1999

हमारी बदलती धरती

2000

मूल विज्ञानं तथा रूचि उत्पन्न करना

2001

विज्ञान शिक्षा के लिए सुचना तकनीक

2002

पश्चिम से धन

2003

जीवन की रुपरेखा- 50 साल का डीएनए और 25 साल का आईवीएफ

2004

समुदाय में वैज्ञानिक जागरूकता को बढावा देना  

2005

 भोतिकी को मानना

2006

हमारे भविष्य के लिए प्रकृति की परवरिस करे

2007

प्रति द्रव्य पर ज्यादा फसल  

2008

पृथ्वी गृह को समझना

2009

विज्ञानं की सीमा को बढ़ाना

2010

दीर्घकालीन विकास के लिये लैंगिक समानता ,विज्ञानं और तकनीक

2011

दैनिक जीवन में रसायन

2012

स्वच्छ उर्जा विकल्प और परमाणु सुरक्षा

2013

अनुवांसिक संसोधित फसल और खाध सुरक्षा

2014

वैज्ञानिक प्रवृति को प्रोत्साहित करना

2015

रास्ट्रीय निर्माण के लिए विज्ञानं

2016

देश के विकास के लिए वैज्ञानिक मुद्दों पर सार्वजनिक प्रसंसा बढ़ने का लक्ष्य

2017

विशेस रूप से एबल्ड पर्सन के लिए विज्ञानं और प्रोधोगिकी

2018

एक सतत भविष्य के लिए विज्ञानं और प्रोधोगिकी

2019

विज्ञानं के लिए जन और जन विज्ञानं के लिए विज्ञान

2020

विज्ञान में महिलाएं

2021

एसटीआई का भविष्य :  शिक्षा,कौसल और कार्य पर प्रभाव

रास्ट्रीय विज्ञानं दिवस को किस तरह से मनाया जाता है ?(HOW DO WE CELEBRATE SCIENCE DAY?) :

भारतीय वैज्ञानिकों की मदद से आज हमारा देश विज्ञान के क्षेत्र में आसमान की बुलंदियों को छु चूका है|भारत में समय-समय पर कई महान वैज्ञानिकों ने जन्म लिया है|आज हम रोजमर्रा के दिनों में जाने अनजाने कई तरह के वैज्ञानिक चीजो का इस्तेमाल कर्ट है,जो हमारे दिनचर्या को काफी सहज और आसान बना देते है|
 
कंप्यूटर,मोबाइल्स,गारियाँ मोटर साइकल ये सभी विज्ञान की ही दें है|विज्ञान के तकनीको से जन्मे काई तरह के चीजो का हमलोग हमारे जीवन में उपयोग करते है|जिससे हम नामुमकिन चीजो को भी मुमकिन बनाने में कामयाब रहे है| हर स्कूल में इस बिसय को पढाया जाता है|
 
रास्ट्रीय विज्ञान दिवस के दिन पुरे भारत में स्कूलों में,कोलेज में,विज्ञान संस्थाओं,वज्ञान अकादमियों,तथा प्रसिक्षण संस्थानों में विज्ञान से सम्बंधित गतिविधियाँ का आयोजन किया जाता है| इन गतिविधियों में विभिन्न तरह के वैज्ञानिक अपनी भाषण रखते है,क्विज कांटेस्ट का आयोजन किया जात है,लेख,निबंध इत्यादि शामिल होता है|
विज्ञान के क्षेत्र में योगदानदेने वाले लोगो के लिए भारत सरकार की तरफ से बहुत से पुरुष्कारो की घोषणा भी की गई है|
 
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विज्ञान दिवस मनाने का उदेश्य:  

रास्ट्रीय  विज्ञानं दिवस का मूल उद्देश्य यह है कि वह जनसाधारण तथा विद्याथियो को विज्ञानं तथा उसके द्वारा प्राप्त होने वाली उपलब्धियो के प्रति सजग करना तथा लोगों को यह बताना कि विज्ञान के बिना विकास की राह में तीब्र गति से आगे नहीं बढ़ा जा सकता है |
 
 सरकार का एक और उद्देश्य यह भी है कि विज्ञान और तकनीक  को प्रसिद्ध करना तथा देश के नागरिको इस क्षेत्र में मौका देकर उनको नई ऊंचाईयो तक लेकर जाना , साथ ही लोगो को प्रेरित करना कि विज्ञानं से अन्धविश्वासो तथा गलत धारणाओ का भी विनास होता है | देश को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने के लिए वैज्ञानिक सोच और वैज्ञानिक गतिविधियां जरुरी है| 
 
रास्ट्रीय विज्ञान दिवस जैसे समारोह वैज्ञानिक द्रिस्टीकोण के लिए सफल सिद्ध हो सकते  है  ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी विज्ञान के तरफ रूचि दिखाए और नई नई खोज कर भारत को बुलंदियों तक ले जाए |  विज्ञान के द्वारा ही   लोगों का जीवन स्तर अधिक से अधिक खुशहाल हो सकता है |

राष्टीय विज्ञान दिवस की घोषणा कब की गई?(WHEN WAS SCIENCE DAY DECLARE?)

सन 1928 को भारतीय इतिहास में एक महान दिवस के रूप में  माना जाता है | इस दिन 28 फ़रवरी को भारत के एक  अनुभवी  और गुणी वैज्ञानिक सी.वी.रमण ने रमन प्रभाव (RAMAN EFFECT) का आविष्कार किया था |       COUNCIL FOR SCIENCE AND TECHNOLOGY OF INDIA द्वारा विज्ञानं  दिवस की  सर्वप्रथम घोसना 1986 में की गयी थी  और  1987 में पहली बार इसे पुरे भारत में मनाया गया | 
 
2021 में विज्ञान दिवस का 31वा  वर्षगांठ मनाया जाएगा | 
 

वर्ल्ड साइंस डे फॉर पिस एंड देवलोपमेंट(WORLD SCIENCE DAY FOR PICE AND DEVELOPMENT):

10 नवम्बर को पूरी दुनिया  WORLD SCIENCE DAY FOR PEACE AND DEVELOPMENT  के रूप में मानती है | पूरी दुनिया में इस  दिन कई तरह के सभाओ का आयोजन किया जाता है | वैज्ञानिको द्वारा  कालेजो और शिक्ष्ण संस्थाओ में सेमिनारो का आयोजन किया जाता है | पहली बार इस दिवस को 2002 में मनाया गया था |

 

रमण प्रभाव हिंदी में जाने(RAMAN EFFECT IN HINDI):

रमण प्रकीर्णन या रमण प्रभाव या रमण प्रभाव फोटोन कणों के लचीले वितरण के बारे में है| इसकी खोज प्रसिद्ध भरतीय वैज्ञानिक श्री सी.वी.रमण ने की थी|रमण प्रभाव के अनुसार जब कोई एकवर्णी प्रकाश द्रवों और ठोसो से होकर गुजरता है,तो उसमे आपतित प्रकाश के साथ अत्यल्प तीव्रता का कुछ अन्य वर्णों का प्रकाश देखने में आता है| 1930 में भौतिकी का नोबेल पुरुष्कार चंद्रशेखर वेंकट रामन(C.V. RAMAN) को उनके इस खोज के लिए दिया गया था| भारत में और किसी भी एशियाई देसों में विज्ञान के क्षेत्रो पाने वाला पहला व्यक्ति था,जिन्हें नोबेल पुरुष्कार से सम्मानित किया गया था| 28 फरवरी को इन्होने रमण प्रभाव की खोज किया था इसीलिए भारत में इस दिन को विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है|

 
2021 में जाने विज्ञान दिवस का theme क्या है? इसे कब और क्यों मानया जाता है?(THEME OF SCIENCE DAY IN 2021,HISTORY OF SCEIENCE DAY IN INDIA)

साइंस दिवस के उपलक्ष में कुछ प्रश्न(SOME QUESTION ON SCENCE DAY):

1.राष्ट्रीय विज्ञानं दिवस 2020 में राष्ट्रपति ने किस योजना की सुरुवात की?(Rashtriya vigyan 2020 per rashtrapati ne kis yojana ka shubharambh kiya hai?)
 
28 फरवरी 2020 को राष्ट्रपति झारखण्ड के यूनिवर्सिटी ऑफ़  झारखण्ड,रांची में उपस्थित थे| इस दिन उन्होंने भारत में हुए विज्ञान दिवस के उपलक्ष में WOMWN IN SCIENCE थीम के अनुसार कई महिलाओ को पुरस्कृत  किया|
 
2.Bharat ke alawa kaun se desh ko rashtriya vigyan diwas ke roop mein koshish kiya gaya? 
 
भारत के अलावा स्विट्ज़रलैंड ने भी विज्ञान दिवस की घोषणा हमारे देश के मिसाइल मैन A.P.J ABDUL KALAM के पुण्य तिथि के दिन घोषित किया|
 

कुछ अंतिम सब्द साइंस दिवस के उपलक्ष पर:

हमारे देश में समय समय पर महान लोगो ने जन्म लिया है,जिन्होंने भारत को गर्वित किया है,और भारत को नई उंचाइयो में ले जाने की कोशिस की है| भारत में  श्री C.V. RAMAN ने 28 फ़रवरी को वो कर दिया जिन्हें पुरे एसिया ने किसी ने नहीं किया था| अतः 2022 में जाने विज्ञान दिवस का theme क्या है? इसे कब और क्यों मानया जाता है?(THEME OF SCIENCE DAY IN 2022,HISTORY OF SCEIENCE DAY IN INDIA) में हमलोगों ने अपने पाठको को पूरी जानकारी दी है,जिससे हमारे पाठको को किसी दुसरे आर्टिकल में जाने की जरुरत न हो| 
 

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